शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की मौजूदगी में खनन माफिया ने चौकी इंचार्ज से की मारपीट!

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काशीपुर: शिक्षा अरविंद पांडे अपनी दबंगई और गुंडई के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वो दबंगई और गुंडई से बाज नहीं आएंगे। अरविंद पांडे की सत्ता की हनक का ताजा मामला काशीपुर में देखने को मिला। उनकी मौजूदगी में खनन माफिया ने कुंडेश्वरी पुलिस चैकी के प्रभारी के साथ गालीगौलच और मारपीट कर दी। चैकी प्रभारी ने किसी तरह खुद को कमरे में बंद कर अपनी जान बचाई। बाद में सीओ और कोतवाल के आने के बाद मामला शांत हुआ।

जीरो टाॅलरेंस की सरकार ने अवैध वसूली का बहाना बनाकर खुद ही इंसाफ करना शुरू कर दिया है। सरकार के मंत्री को ना तो चुनाव आचार संहिता का प्रभाव पड़ता नजर आया और ना ही उनको कानून का कोई डर है। दरअसल, अवैध वसूली होने पर एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने कुंडेश्वरी पुलिस चैकी को लाइन हाजिर कर दिया था। जिसके बाद अर्जुन गिरी गोस्वामी को चैकी इंचार्ज बनाया गया था। अर्जुन ने आते ही खनन कारोबारियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी। खनन माफिया का आरोप है कि चैकी इंचार्ज क्षेत्र में अपनी तानाशाही कर रहा है। मनमाने तरीके से अंडरलोड वाहन भी सीज किए जा रहे हैं।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के साथ सभी खनन कारोबारी कुंडेश्वरी पुलिस चैकी पहुंचे। जहां पर चैकी इंचार्ज गोस्वामी को देख खनन कारोबारी भड़क उठे। उन्होंने शिक्षा मंत्री के संरक्षण में चैकी इंचार्ज को न केवल गाली-गलौज की। बल्कि भीड़ ने हाथापाई तक भी कर दी। किसी तरह एसआइ ने अपने ऑफिस में बने छोटे कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर जान बचाई। एसआइ अर्जुन तब तक कमरे से बाहर नहीं निकले, जबतक सीओ मनोज कुमार और कोतवाल चंचल शर्मा मौके पर नहीं पहुंचे। इससे एक बात तो साफ हो गई है कि जीरो टाॅलरेंस की सरकार में टाॅलरेंस को जीरो करने की सजा सरकार के मंत्री माफिया को साथ लेकर खुद ही देने पर तुले हुए हैं।

ऊधमसिंह नगर एसएसपी बरिंगद जीत सिंह की मानें तो चैकी इंचार्ज के साथ मारपीट नहीं हुई है। उनका कहना है कि लोगों ने वहां पर जमकर हंगामा काटा। सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के खिलाफ कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी भूमिका मिलने पर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

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