शहरी विकास सचिव से हाईकोर्ट ने मांगी पूर्व में जारी आदेशों पर प्रगति रिपोर्ट

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नैनीताल: हाईकोर्ट ने ठोस अपशिस्ट प्रबंधन के संदर्भ में 16 मार्च 2017 को पारित आदेशो व केन्द्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट 2015-16 के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट राज्य के शहरी विकास सचिव को तीन सप्ताह के भीतर देने के निर्देश दिए है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

मामले के अनुसार, एक समाचार पत्र में केन्द्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर कहा गया कि राज्य के नगर निगमों, नगर पालिकाओं द्वारा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 का पालन नही किया जा रहा है। नगर निगमो, नगर पालिका के पास कूड़ा निस्तारण की कोई व्यस्था नही है। नगर पालिका देहरादून, हरिद्वार ने कूड़ा निस्तारण के लिए जगह चिन्हित की है और नैनीताल को पर्यावरण मंत्रालय से कूड़ा निस्तारण व प्रोसेसिंग एंड डिस्पोजल की क्लेरेंस मिली है। रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य में खुले में कूड़ा फेका जा रहा है और 87 डंपिंग साइट चिनिहित किये गए है जहाँ प्रतिदिन 917 टन कूड़ा फैका जा रहा है। अब तक किसी भी नगर पालिका से कूड़ा निस्तारण के मामले में संतोषजनक रिपोर्ट नही मिली है। कोर्ट ने इन री इन दा मैटर ऑफ एनुअल रिव्यु रिपोर्ट ऑफ सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के नाम से इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई की। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि कूड़ा का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाना नगर पालिकाओं की जिम्मेदारी है।

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