सरकारी विभागों के आपसी सामंजस्य न होने का खामियाजा भुगत रहे छात्र

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रुद्रप्रयाग: तल्ला नागपुर पट्टी का राजकीय पाॅलीटेक्नीक चोपता का भवन निर्माण का कार्य तीन वर्षों से अधर में लटका हुआ है। भवन निर्माण का स्ट्रक्चर तो बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन अब वन विभाग ने निर्माण कार्य को यह कह कर रुकवा दिया है कि, जिस जमीन पर निर्माण कार्य हो रहा है वह जमीन विभाग के नाम हस्तांतरित नहीं हुई है। जिसके चलते निर्माण कार्य पिछले तीन वर्षों से ठप्प पडा हुआ है।
वर्ष 2014 में अस्तित्व में आया राजकीय पाॅलीटेक्नीक चोपता अभी भी किराये के कुछ कमरों में ही संचालित हो रहा है। वर्ष 2015 में कुण्डा दानकोट में ग्रामीणों ने अपनी वन पंचायत की भूमि भवन निर्माण के लिए दी और 3 करोड 43 लाख रुपये का प्रस्ताव भवन निर्माण के लिए शासन को भेजा गया। शासन से 3 करोड 27 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत भी की गयी और उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को कार्यदायी संस्था बनाया गया। निर्माण पर 1 करोड 25 लाख रुपये भी खर्च किये जा चुके हैं और अब वन विभाग का कहना है कि, जमीन वन विभाग द्वारा हस्तांतरित नहीं हुई है जिसके चलते विभाग ने निर्माण कार्य को रुकवा दिया।
वहीं जिलाधिकारी का कहना है कि, वन भूमि हस्तांतरण की फाइल जनपद स्तर से पूरी कर शासन को भेज दी गई है और जल्दी ही लैण्ड ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।
ऐसे में सरकारी विभागों में आपसी सामंजस्य न होने के कारण पाॅलीटेक्नीक भवन निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है। भवन निर्माण न होने से आधा अधूरा स्ट्रक्चर तो जंक खा ही रहा है, साथ ही किराये के भवन पर पढने को मजबूर हो रहे बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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