रुपये का टूटा दम, इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा

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मुंबई: कच्चे तेल की बढ़ती कीमत के बीच डालर की मांग बढ़ने से रुपया आज शुरूआती कारोबार में 26 पैसे की गिरावट के साथ 71 रुपए के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में डालर के मुकाबले रुपया 70.95 रुपये पर खुला और बाद में 71 रुपये के स्तर पर चला गया।

रुपया कल 70.74 पर बंद हुआ था। मुद्रा कारोबारियों के अनुसार माह के अंत में तेल आयातकों की तरफ से अमेरिकी करेंसी की मजबूत मांग, चीन-अमेरिका के बीच व्यापार तनाव के साथ ब्याज दर बढ़ने की उम्मीद में विश्व की अन्य प्रमुख मुद्रा की तुलना में डालर के मजबूत होने से घरेलू मुद्रा पर असर पड़ रहा है। कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका और घरेलू शेयर बाजार विदेशी संस्थागत निवेशकों की कोष की निकासी से भी रुपये पर असर पड़ा है।

एशियाई कारोबार की शुरूआत में मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 78 डालर बैरल पर पहुंच गया। पूरे एशिया में रुपए की हालत सबसे पतली है। इस साल इसमें 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। रुपए की गिरावट के कारण विदेश में छुट्टी मनाना महंगा हो जाएगा। इसके अलावा अगर कोई विदेश में पढ़ रहा है तो उसकी एजुकेशन का खर्च भी बढ़ जाएगा। अब घरवालों को ज्यादा रुपये भेजने होंगे। विदेश में डॉलर में काम होता है। अब 1 डॉलर 71 रुपए का मिल रहा है। इसलिए 71 रुपए देने होंगे। इसके चलते सोने के भी भाव बढ़ सकते हैं। मोबाइल, टीवी और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट भी महंगे होंगे। इनके पार्ट्स हम आयात करते हैं। रुपये की कमजोरी का असर पेट्रोल, डीजल के भाव पर भी पड़ेगा।

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