आरएसएस नहीं चाहता सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश हो: पिनराई विजयन

Please Share

तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश नहीं होने देने के लिए एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर में प्रवेश नहीं देने के लिए पूरी तरह से आरएसएस जिम्मेदार हैै। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध हटा दिया है। इसके बाद महिला कार्यकर्ता और पत्रकारों समेत करीब एक दर्जन महिलाओं ने इतिहास रचने का बहादुरीपूर्ण प्रयास किया, लेकिन भगवान अयप्पा के उन श्रद्धालुओं के विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा जो परंपरा के खिलाफ नहीं जाना चाहते हैं। मंदिर के कपाट छह दिन बाद सोमवार रात में बंद कर दिए गए।

केरल में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया गया। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) आपराधिक षड्यंत्र का आरोप लगाया। पिछले महीने जारी किए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सुनिश्चित करने के लिए उनकी सरकार का कर्तव्य था कि वह 10 साल और 50 वर्ष की आयु के बीच महिलाओं को अयप्पा के मंदिर में प्रवेश करने और पूजा कराना सुनिश्चित किया जाए।

सीएम विजयन के बयान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति संबंधी उसके फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 13 नवंबर को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने वकील मैथ्यूज जे नेदुम्पारा से कहा कि उसने याचिकाओं को 13 नवंबर को सूचीबद्ध करने के संबंध में पहले ही आदेश पारित कर दिया है।

इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि मामले में नेशनल अयप्पा डिवोटीज एसोसिएशन और अन्य द्वारा दायर की गई 19 पुनर्विचार याचिकाएं लंबित हैं जिनमें उसके फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है। पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 4ः1 के अनुपात से दिए गए अपने फैसले में कहा था कि केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी जाए।

You May Also Like