रफ़ाल मामले में सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को झटका

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रफ़ाल मामले में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को झटका लगा है. कोर्ट ने इस मामले में सरकार की शुरूआती आपत्ति को ख़ारिज कर दिया है। सरकार ने मामले में पहले सुनाए गए फै़सले को बनाए रखने और पुनर्विचार याचिका ख़ारिज करने की बात कही थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। मामले की सुनवाई चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाले बेंच कर रही है, जिसमें जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ़ शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले अपने फ़ैसले में रफ़ाल सौदे की जांच करने की अपील को ख़ारिज कर दिया था। उसके बाद अरुण शौरी और प्रशांत भूषण समेत कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने अदालत के सामने कुछ नए दस्तावेज़ पेश किए थे। उस समय सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दो ख़ास बातें कहीं थीं। सरकार का कहना था कि अदालत में पेश किए दस्तावेज़ चोरी के हैं, इसलिए अदालत को उन पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

सरकार की दूसरी दलील थी कि ये दस्तावेज़ प्रीविलेज्ड यानी गोपनीय हैं और इन पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरा हो सकता है। लेकिन बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुनाते हुए सरकार की इन दोनों दलील को ख़ारिज कर दिया।

पुनर्विचार याचिका दायर करने वालों में से शामिल अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर कहा, “तीन जजों ने एकमत से यह फ़ैसला दिया है। उन्होंने सरकार की उस दलील को ख़ारिज कर दिया है जिसमें यह कहा गया है कि इन दस्तावेज़ों को माना नहीं जा सकता है क्योंकि ये चोरी के दस्तावेज हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख़ तय करेगा और इसकी सुनवाई मेरिट के आधार पर की जाएगी। अरुण शौरी ने कहा कि यह हमारे लिए एक मौक़े की तरह है जो बहस को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

11 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव होने वाला है। ऐसे में ये फ़ैसला सरकार के लिए झटका ज़रूर है लेकिन मतदाताओं पर इसका कोई असर होगा या नहीं ये कहना मुश्किल है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद राजनीतिक गलियारों से प्रतिक्रिया आने लगी है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री चाहे कितना भी चाह लें, वो सच्चाई से भाग नहीं सकते हैं और अब वो गोपनीयता कानून की आड़ में बच नहीं सकते हैं। उन्होंने ट्वीट किया है, “रफ़ाल मामले को उजागर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्र पत्रकारों के ख़िलाफ़ गोपनीयता कानून के तहत कार्रवाई करने की धमकी दी थी।” “मोदीजी आप चिंता मत कीजिए, जांच होने वाली है, चाहे आप इसे पसंद करें या न करें.”

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से रफ़ाल में क्लीन चिट मिली है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से यह साबित होता है कि रफ़ाल मामले में गड़बड़ी हुई है। केजरीवाल ने कहा, “नरेंद्र मोदी ने देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया।”

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