प्रधानाचार्य छेड़छाड़ मामलाः पुलिसिया कार्यप्रणाली से हताश छात्रा ने बाल संरक्षण आयोग को भेजा पत्र

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चमोली: किसी ने सच ही कहा है कि बेटी को केवल कोख में ही नहीं बल्कि उसको आखिरी सांस तक बचाना होगा। तभी हम कह सकते हैं कि हमारी मां, बहन व बेटियां सुरक्षित हैं।

एक तरफ तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर बेटियों पर हो रहे अत्याचारों और दुराचारों के मामलों को दबाया जा रहा है।

ताजा मामला चमोली का है जहां विगत 9 नवम्बर को गैरसैण नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य ने जोशीमठ की एक छात्रा के साथ कर्णप्रयाग-गैरसैंण तक छेड़छाड़ करता रहा लेकिन मामले के पुलिस के संज्ञान में आने के बावजूद भी एक माह होने को है और अभी तक प्रधानाचार्य के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

गौरतलब हो  कि प्रधानाचार्य कुछ छात्र-छात्राओं को लेकर गोपेश्वर विज्ञान प्रतियोगिता के लिए आया था और दिनांक 10 नवम्बर को गैरसैंण लौटते वक्त वाहन में प्रधानाचार्य ने छात्रा के साथ अभद्रता की। दिनांक 24 नवंबर को परिजनों ने मामले को लेकर गैरसैंण थाने में प्राथमिकी दर्ज की जिसमें आरोपी प्रधानाचार्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा- 120बी, 354 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हो चुका है लेकिन परिजनों का कहना है कि मुकदमा दर्ज करवाने के बाद भी आगे की कार्यवाही ठप है।

हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए एसपी तृप्ति भट्ट का कहना है कि लोग इसे राजनीति मुद्दा बनाने में तुले हुए हैं। हालांकि उनका कहना है कि मामले में हम अपनी पड़ताल कर रहे हैं। यदि मामले में प्रधानाचार्य दोषी पाया गया तो गिरफ्तारी की जायेगी। 

वहीं अब पीड़ित छात्रा ने पुलिस कार्यप्रणाली से हताश होकर बाल संरक्षण आयोग की सदस्य सीमा डोरा को एक निवेदन पत्र लिखा है, जिसमें छात्रा ने उचित और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

सूत्रों के अनुसार आरोपी प्रधानाचार्य ऊँचे रसूख वाला है और कर्णप्रयाग विधायक का ख़ास है। ऐसे में जिले की भाजपा के पदाधिकारी छात्रा के परिजनों पर मामले को बंद करने और वापस लेने का दबाव बना रहे हैं, जिसको लेकर जोशीमठ में आक्रोशित लोग कर्णप्रयाग विधायक और मुख्यमंत्री का पुतला फूंक रहे हैं।

जोशीमठ में इस मामले को लेकर लोग गुस्से में है और सरकार के साथ ही पुलिस प्रशासन के खिलाफ तीव्र विरोध कर रहे हैं। आंदोलनकारियों ने ज्ञापन देकर सरकार को चेताया कि अगर उक्त मामले में आरोपी की शीघ्रातिशीघ्र गिरफ्तारी नहीं की जाती है तो जोशीमठ के लोग गैरसैण कूंच करेंगे और आगामी विधानसभा सत्र का पुरजोर विरोध करेंगे।

एक तरफ केन्द्र की सरकार ” बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का ढिंढोरा पीट रही है वहीं दूसरी तरफ पहाड़ की बेटी के साथ ये अन्याय क्यों। निश्चित तौर पर सरकार जनहित नीतियां सवालों और आरोपों के कटघरे में है। क्या पहाड़ चढ़ते-चढ़ते सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना ने दम तोड़ दिया है। ये सूबे की सरकार के रसूखदारों से जायज सा सवाल है?

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