प्रणब मुखर्जी, नानाजी और भूपेन सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, जनसंघ के नेता नानाजी देशमुख और मशहूर गायक भूपेन हजारिका को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया। गणतंत्र दिवस पर भारत रत्न देने का ऐलान किया गया गया था। नानाजी और हजारिका को मरणोपरांत यह सम्मान मिला है।
भूपेन के बेटे तेज हजारिका ने राष्ट्रपति के हाथों सम्मान ग्रहण किया। दीनदयाल रिसर्च इंस्टीट्यूट के चेयरमैन वीरेंद्रजीत सिंह ने नानाजी की ओर से यह सम्मान ग्रहण किया। राष्ट्रपति के रूप में प्रणब दा का कार्यकाल वर्ष 2017 में पूरा हुआ था। वे दिग्गज कांग्रेसी नेताओं में शुमार किए जाते हैं। नानाजी जनसंघ के विचारक और भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं। भूपेन हजारिका प्रसिद्ध असमिया कवि और संगीतकार थे। बॉलीवुड मूवी रुदाली में गाया उनका गाना दिल हू हू करे…काफी लोकप्रिय हुआ था। इससे पहले 45 हस्तियों को भारत रत्न सम्मान दिया जा चुका है। अब यह संख्या 48 हो गई है। वहीँ मुखर्जी यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले पांचवें राष्ट्रपति हैं। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. जाकिर हुसैन और वीवी गिरि को मिल यह सम्मान मिल चुका है। इसके आलावा 20 साल बाद दो से ज्यादा हस्तियों को यह भारत रत्न दिया जा गया। इससे पहले 1999 में समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण, सितारवादक पंडित रविशंकर, अर्थशास्त्री डॉ. अमर्त्य सेन और स्वतंत्रता सेनानी रहे गोपीनाथ बोरदोलोई को इस सम्मान के लिए चुना गया था।

बता दें कि कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में असाधारण और उल्लेखनीय राष्ट्र सेवा करने वालों को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान दिया जाता है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी। पहला भारत रत्न सम्मान चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को प्रदान किया गया। शुरू में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का चलन नहीं था, लेकिन एक साल बाद इस प्रावधान को जोड़ा गया। इसी तरह खेलों के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों को भारत रत्न से सम्मानित करने का प्रावधान भी बाद में शामिल किया गया।

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