पहाड़ की पीड़ा को बयां करता गाना रिलीज, किशन दा, डुकलान व इशान की तिगड़ी ने किया कमाल

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देहरादून: उत्तराखंड के प्रतिभावान और जादुई आवाज के धनी किशन महिपाल का नया गाना यूट्यूब पर रिलीज हो चुका है। यह गाना पहाड़ की पीड़ा को बयां करता है। अपने नाम के अनुरूप किशन ने इस गाने को भी बखूबी गाया है। ‘साख्यों बटि जम्यूं ह्यूं..’ बोल वाले इस गाने को उत्तराखंड के प्रसिद्द कवी व गीतकार मदन मोहन डुकलान ने लिखा है और प्रतिभावान युवा संगीतकार इशान डोभाल ने इस गाने का संगीत दिया है। बता दें कि, इशान डोभाल के संगीत को ‘फुलारी’ और ‘शकुना दे’ गाने में लोगों द्वारा काफी सराहा गया। वहीँ इस गाने में भी इशान ने बेहतरीन संगीत दिया है।

इस पीढ़ी के गायकों में प्रतिभावान किशन महिपाल में गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी की छाप दिखती है। वहीँ किशन भी नरेन्द्र नेगी को अपने प्रेरणाश्रोत मानते हैं। किशन, नरेन्द्र नेगी की राह पर चलकर आज उत्तराखंड की संस्कृति को अपने गाये गानों से देश-विदेश में पहुंचा रहे हैं। साथ ही पूरे देश के अलावा विदेशों में भी उनके लाइव स्टेज शो भी होते रहते हैं। आज उनके गानों को पहाड़ी लोगों के आलावा भी सभी लोगों द्वारा सराहा जा रहा है। यूट्यूब पर भी उनके गानों की धूम रहती है। उन्होंने उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए व युवाओं को इससे जोड़ने के लिए युवाओं के मन को पढ़ा और उसके अनुसार ही कई पारम्परिक गानों में नये प्रयोग भी किये, जिसमे वे कामयाब भी रहे और ये गाने युवाओं के सिर चढ़ कर बोले। यूं तो उनके सभी गाने एक से बढ़कर एक बेहतरीन हैं, लेकिन उनका ‘फ्योंलाडिया’ गाना यूट्यूब पर 10 मिलियन से भी अधिक बार देखा गया। उनके इस नए गाने को भी लोगों से सराहना मिल रही है। ‘साख्यों बटि जम्यूं ह्यूं..’ गाने को लेकर उनके एक प्रशंसक कहते हैं कि, ‘उत्तराखंड के गीत-संगीत के लिए शुभ समाचार है कि, साहित्य और संगीत का मिलन हो रहा है। और गायक  साहित्यकारों के लिखी कविताओं को अपनी आवाज दे रहे हैं। इनके द्वारा गाये गये साहित्यिक गीत साहित्य के लिए भी बहुत जरुरी हैं, क्योंकि अभी साहित्य किसी खास वर्ग तक ही सीमित था। अब वह लोक के बीच में आयेगा।’

-सुरेन्द्र रावत

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