जनकल्याणकारी योजनाओं को चलाने वालों का कल्याण करने वाला कोई नहीं!

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घाटे में जा रहा उत्तराखंड परिवहन निगम, बकाया नहीं चुका पा रही सरकार

देहरादूनः उत्तराखंड परिवहन निगम प्रत्येक महीने 25 से लेकर 30 लाख के घाटे में जा रहा है। और सन् 2013 से लेकर अब तक विभाग का सरकार पर 60 करोड़ रूपए तक का बकाया लग चुका है जिसके कारण विभाग व विभागीय कर्मचारियों की माली हालत हो गई है।

रोडवेज कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रेम सिंह रावत ने बताया कि परिवहन निगम हर माह 30 लाख तक के घाटे में जा रहा है जिसके कारण विभागीय कर्मचारियों के हाल ऐसे हो गए हैं कि उनका दो-दो माह का वेतन रोक दिया जाता है।

बता दें कि उत्तराखंड परिवहन विभाग सरकार की 18 जनकल्याणकारी योजनाओं को चला रहा है लेकिन उन योजनाओं का पैंसा सरकार विभाग को चुकता नहीं कर पा रही है। जिसके कारण एक ओर तो सरकार पर विभाग का बकाया चढ़ता ही जा रहा है और दूसरी ओर विभाग की हालत और भी खस्ता होती जा रही है। जिसके विरोध में रोड़वेज कर्मचारियों ने आज कार्यबहिष्कार कर देहरादून में आंदोलन किया। वहीं प्रदेश महामंत्री रामचंद्र रतूड़ी ने कहा कि यदि निगम की मांगों को सरकार मान लेती है तो वो अपना आंदोलन स्थगित कर देंगें और यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वो अपने आंदोलन को हड़ताल और चक्काजाम में बदलने में देरी नहीं करेंगे।

वहीं हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए एमडी वृजेश पंत ने कहा कि कर्मचारियों से वार्ता कर कहा गया है कि वो आगामी 4 जनवरी तक अपने कामों में वापस चले जाएं और आगामी वार्ता बैठक में उनकी समस्याओं को हल करने पर विचार किया जायेगा।

गौरतलब है कि निगम की मांग है कि कर्मचारियों का वेतन 18 हजार कर दिया जाए और सरकार जल्द से जल्द निगम का बकाया चुका दिया जाए, ताकि कर्मचारियों को समय-समय पर मेहनताना मिल जाए।

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