न्याय के लिए दरदर भटकने को मजबूर गीता

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अल्मोड़ा: ग्राम कुंज्याड़ी, ज्योली की रहने वाली गीता का 2008 में ओखिना के गोविंद सिंह से विवाह हुआ था। विवाह के कुछ ही माह बाद उसके पति ने उसके साथ अत्याचार शुरू कर दिये और मारपीट कर घर से निकाल दिया। जिसके बाद उसने सिविल कोर्ट अल्मोड़ा में भरण-पोषण वाद दायर किया। न्यायालय ने 1500 रूपये प्रतिमाह भरण-पोषण दिये जाने के आदेश पारित किये, लेकिन पति ने कोई भत्ता नहीं दिया।

पीड़िता ने बताया कि वह बहुत गरीब व बेसहारा महिला है। हृदय रोग से भी पीड़ित है। उसका पति लुधियाना में नौकरी करता है। उसने अपने पति का मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराया है। साथ ही निवेदन किया है कि पुलिस उसके मोबाइल नंबर की लोकेशन के आधार पर पति की खोज करे, ताकि पीड़िता को भरण-पोषण मिल सके। लेकिन कोई भी पीड़िता की मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है। पीडिता गीता न्याय के लिए जिलाधिकारी, एसएसपी कार्यालय तक मदद की गुहार लगा चुकी है।

विवाह के कुछ समय बाद ही पति ने बिना किसी ठोस कारण के पत्नी को मार-पीट कर घर से निकाल दिया। पत्नी न्यायालय की क्षरण में गई और उसके हक में फैसला हुआ। जिसमें पति को मासिक भरण-पोषण देने का आदेश दिया गया। न्यायालय की आदेश की अवहेलना करते हुए आरोपी पति अपने घर से तीन साल से फरार है, जबकि उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी निकल चुका है। वहीं, पीड़िता न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है।

वहीं, एसएसपी पी. रेणुका का कहना है कि पीड़ित गीता की शिकायत मिली है। उसके पति को न्यायालय द्वारा गीता के भरण पोषण के लिए 1500 रूपये महीना देने के आदेश दिए थे, लेकिन गीता का पति उसके भरण पोषण का खर्चा नहीं दे रहा है। इससे पहले मामला राजस्व विभाग के पास था। अब मामला पुलिस के पास आ गया है। गोविंद की लोकेशन तलाशी जा रही है। लोकेशन मिलते ही जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।

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