नगर निगम में मेयर के लिए इनके बीच होगा घमासान

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देहरादून: प्रदेश में प्रस्तावित नगर निकाय चुनाव को लेकर शहरी विकास विभाग ने अब तक भले ही तारीख तय नहीं की हो, लेकिन प्रदेश में नगर निकायों के आरक्षण की स्थिति को साफ करना शुरू कर दिया है। कुछ दिनों पहले जारी की गई आरक्षण सूची को आपत्तियों के बाद जारी किया गया। हालांकि इसमें संशोधन के लिए भी आपत्तियों को लेने के लिए सात दिन का समय तय किया है। तारीखों का एलान कब होता है, यह देखने वाली बात होगी। मामला कोर्ट में भी चल रहा है।

प्रदेश के सात नगर निगमों में यह तय हो गया है कि घमासान किसके बीच होने वाला है। देहरादून की बात करें तो इस सीट को अनारक्षित रखा गया है। यानि यहां घमासान भी बड़ा होगा और टिकट के लिए भाजपा और कांग्रेस को भी खूब मत्था-पच्ची करनी पड़ेगी। नगर निगम ऋषिकेश को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। नए बने कोटद्वार नगर निगम की कुर्सी पर एक बार फिर से तीसरी बार कोई महिला ही बैठेगी। आरक्षण तय होने के साथ यह भी साफ हो गया है। हरिद्वार नगर निगम को भी महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है।

रोजनीतिक रूप से प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी हाॅट सीट माने जाने वाले नगर निगम हल्द्वानी को भी राजधानी देहरादून की तरह ही अनारक्षित रखा गया है। यहां भी जबरदस्त घमासान देखने को मिलेगा। भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों को प्रत्याशी घोषित करने में जितनी परेशानी देहरादून में होगी। उतनी ही दिक्कत हल्द्वानी में ही होगी। नगर निगम काशीपुर को पिछड़ी जाति और नगर निगम रुद्रपुर को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है।

अब देखना यह होगा कि शहरी विकास विभाग प्रदेश के नगर पालिकाओं, नगर पांचयतों को आरक्षण कब तक फाइनल करती है। सरकार को अपने लोगों को सेट करने के लिए पूरा समय मिला है। हालांकि अब तक कई निकायों में भाजपा-कांग्रेस में चुनाव की तारीखों को एलान होने से पहले ही घमासान चल रहा है।

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