मायावती ने एसपी के साथ गठबंधन को बताया बड़ी भूल, अकेले लड़ने का किया ऐलान

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लखनऊ: लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) के बीच सियासी तल्खी बढ़ती ही जा रही है। आम चुनाव में मनमाफिक नतीजे नहीं मिलने पर मायावती ने एसपी पर निशाना साधा था और यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए अकेले लड़ने का ऐलान किया और अब एक बार फिर बीएसपी चीफ ने समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन बड़ी भूल थी, जो नतीजे सोचे गए थे, वे एसपी की कमजोरी की वजह से नहीं आए। यहां तक कि चुनाव नतीजे के बाद अखिलेश ने मुझे फोन तक नहीं किया।

मायावती ने रविवार का बहुजन समाज पार्टी के विधायकों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान 25 मिनट तक उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ हुए गठबंधन और उसके परिणाम पर बात की। सूत्रों के मुताबिक, मायावती ने साफ किया कि एसपी के साथ गठबंधन का फैसला जल्दबाजी में नहीं बल्कि सोच विचार कर लिया गया गया था। लेकिन फैसले से जो परिणाम आने चाहिए थे, नहीं आए।

माया ने कहा, ‘अखिलेश यादव गठबंधन के लिए पूरी तरह अपरिपक्व हैं। चुनाव के बाद कई दिनों तक मैं इंतजार करती रही कि वह आएंगे और बात करेंगे, लेकिन वह नहीं आए। ऐसी सूरत में एसपी के साथ गठबंधन बरकरार नहीं रखा जा सकता। एसपी की तरफ से जो सहयोग चाहिए था, वह नहीं मिला। मैंने अखिलेश यादव को कई बार इसके लिए आगाह भी किया पर वह समझ नहीं सके और भितरघात होता रहा। लोगों में यह फैलाया जा रहा है कि हमारे 10 सांसद एसपी के सहयोग से जीते, लेकिन हकीकत यह नहीं है। अगर यह सच्चाई है तो यादव परिवार के लोग ही क्यों चुनाव हार गए? अखिलेश क्यों डिंपल को भी जितवा नहीं सके?’

मायावती ने कहा कि मुझे ताज कॉरिडोर केस में फंसाने वालों में न केवल बीजेपी, बल्कि मुलायम सिंह यादव का भी रोल था। इसे भूलकर मैं मुलायम के लिए वोट मांगने गई थी, लेकिन अखिलेश ने इसकी कद्र नहीं की। अखिलेश ने चुनाव के बाद मुझे तब भी फोन नहीं किया। सतीश चंद्र मिश्र ने उनसे कहा था कि वह मुझसे फोन पर बात करें। मैंने तो नतीजों के बाद अखिलेश को फोन किया और परिवार के हारने पर अफसोस जताया था।

मायावती ने कहा कि हमने एसपी से अलग होकर उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है। उपचुनाव के परिणाम ही यह साबित करेंगे कि बीएसपी की ताकत क्या है? एसपी सरकार में गैर यादव पिछड़ों के साथ खूब नाइंसाफी हुई, जिसकी वजह से उन्होंने एसपी को वोट नहीं किया। अखिलेश यादव ने प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया था, इसलिए काफी दलित उनसे नाराज थे। अखिलेश ने सतीश चंद्र मिश्र के द्वारा मुझे संदेश भिजवाया था कि मैं मुसलमानों को टिकट न दूं, क्योंकि इससे पोलराइजेशन होगा, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।

मायावती ने एसपी पर आरोप लगाया कि उनके वोट बैंक का फायदा बीएसपी को नहीं हुआ। एसपी का वोट बीजेपी में गया। इसका अंदाजा गठबंधन के पहले तक नहीं था। मायावती ने कहा कि बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को सलेमपुर सीट पर एसपी के विधायक दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने हरवाया। उन्होंने एसपी के वोट बीजेपी को ट्रांसफर करवाए। अखिलेश सब जानते हुए चुप रहे। बीएसपी को उपचुनाव की ज्यादातर सीटें जीतनी हैं। इससे हम यह बता सकेंगे कि हमारे लोग जो लोकसभा पहुंचे हैं, उनके पीछे एसपी नहीं बल्कि बीएसपी के काडर की मजबूती थी।

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