मैरी कॉम ने मर्द मुक्केबाजों को भी छोड़ा पीछे, रचा इतिहास

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नई दिल्ली: भारत की मैरी कॉम ने गुरुवार को उलान उदे (रूस) में जारी विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 51 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। मैरी कॉम ने क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया की इंगोट वालेंसिया को 5-0 से मात दी। सेमीफाइनल में जाकर मैरी ने भारत के लिए एक पदक पक्का कर लिया है।

48 किलोग्राम भारवर्ग में छह बार विश्व चैम्पियन रह चुकीं मैरी का यह 51 किलोग्राम भार वर्ग में वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहला पदक होगा। वह हालांकि, इस भारवर्ग में 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं। साथ ही इसी भार वर्ग में मैरी ने लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य जीता था।

सेमीफाइनल में शनिवार को उनका सामना दूसरी वरीयता प्रापत तुर्की की बुसेनाज साकिरोग्लू से होगा जो यूरोपीय चैम्पियनशिप और यूरोपीय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता है। उन्होंने चीन की केइ जोंग्जू को क्वार्टर फाइनल में हराया। इस जीत के साथ मेरीकोम ने टूर्नामेंट की सफलतम मुक्केबाज होने का अपना ही रिकार्ड तोड़ा।

पदकों की संख्या के आधार पर वह पुरूष और महिला दोनों में सबसे सफल है। पुरूष वर्ग में क्यूबा के फेलिक्स सावोन ने सर्वाधिक सात पदक जीते हैं। मेरीकोम के नाम अभी तक छह स्वर्ण और एक रजत पदक है लेकिन वह 51 किलोवर्ग में पहली बार पदक जीतेगी। पिछली बार वह क्वार्टर फाइनल में हार गई थी।

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