काल्पनिक शौर्य और साहस के दम पर देश नहीं चलता, मानव विकास बेहतर गति से आगे बढ़ाने की जरूरत: ‘भारत रत्न’ प्रणव दा

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नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चुनावी माहौल में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि काल्पनिक शौर्य और साहस के दम पर देश का नेतृत्व नहीं किया जा सकता है। भारत को ऐसे नेता की जरूरत है जो देश के लोगों की अपेक्षा पर खरा उतर सके। देश को गरीबी से पूरी तरह से बाहर निकालने के लिए अभी काफी लंबा सफर तय करना है। जबतक गरीबी को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जाता है मानव विकास को बेहतर गति से आगे बढ़ाने की जरूरत है।

प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अच्छा है कि देश में अरबपतियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, फोर्ब्स की लिस्ट में बढ़ते अरबपतियों का नाम शामिल हो रहा है। लेकिन इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि देश में मध्यम वर्ग के लोगों की संख्या में भी हर वर्ष बढ़ोतरी होनी चाहिए, जिनकी आय में वृद्धि हो। पूर्व राष्ट्रपति ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की है कि देश के एक फीसदी नागरिकों के पास देश की कुल संपत्ति का 60 फीसदी हिस्सा है।

प्रणब मुखर्जी ने कहा कि गरीबों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए हमे बहुत काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि हमारी वृद्धि समावेशी नहीं है और इसे समान करने की जरूरत है। जो लोग विकास की यात्रा में पीछे छूट गए हैं उन्हें इस दायरे में लाने की जरूरत है। आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार भारत दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यूएन की एक रिपोर्ट की मानें तो मार्च 2019 तक भारत की जीडीपी 7.6 तक रहेगी।

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