लालू को साढ़े तीन साल की सजा के साथ लगा पांच लाख का जुर्माना

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रांची। रांची की सीबीआई अदालत ने चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने उन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उनके अलावा अन्‍य दोषी फूलचंद सिंह, महेश प्रसाद, बेक जूलियस, सुनील कुमार, सुशील कुमार, सुधीर कुमार और राजाराम को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई, जबकि उन पर भी पांच लाख का जुर्माना लगाया गया।
इससे पहले तीन अक्टूबर 2013 को चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में लालू को दोषी ठहराया गया था। इस मामले में 37 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। अदालत ने मामले में लालू यादव को पांच साल की जेल की सजा और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। फैसले से पहले सभी दोषी वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये अदालती कार्रवाई में शामिल हुए।

जेल से लालू का है पुराना रिश्ता

गौरतलब है कि साल 1996 में पशुपालन विभाग के दफ्तरों में छापेमारी की गई थी। इस दौरान कुछ फर्जी कंपनियों द्वारा पैसों की हेराफेरी करने का मामला सामने आया था। इसके बाद 11 मार्च 1996 को पटना हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस घोटाले की जांच का आदेश दिया था। इसके बाद लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद किया गया था, लेकिन दिसंबर 2013 में उनको कोर्ट से जमानत मिल गई थी। इसके बाद लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल से रिहा कर दिया गया था।

साल 1996 में सीबीआई ने चाईबासा खजाना मामले में प्राथमिकी दर्ज की और 23 जून 1997 को सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया और लालू प्रसाद यादव को आरोपी बनाया। 30 जुलाई 1997 को लालू प्रसाद ने सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण किया। इसके बाद उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

सजा के तुरंत बाद  ऑफिशियल अकाउंट से ट्वीट

सजा के तुरंत बाद  लालू यादव के ऑफिशियल अकाउंट से ट्वीट किया गया। ट्वीट के माध्‍यम से लालू ने कहा कि भाजपा का सीधा नियम है कि या तो उसके पीछे चलो या फिर वह आपको फंसा देंगी। मैं समाजिक न्‍याय, समानता और सद्भाव के लिए खुशी से मर जाना पसंद करूंगा।

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