कोटद्वार में भाजपा बनाम भाजपा बागी और कांग्रेस का त्रिकोणीय मुकाबला

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कोटद्वार: प्रदेश में नगर निकायों के चुनाव प्रचार का दौर तेजी पकड़ने लगा है। नगर पालिका से नगर निगम बने कोटद्वार में भी चुनावी समीकरण लगातार बदलते नजर आ रहे हैं। पहले मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच माना जा रहा था। फिर अचानक से भाजपा से बागी धीरेंद्र चौहान की पत्नी विभा चौहान की ओर मुकाबला पलटता हुआ नजर आया। इस बीच यूकेडी से चुनाव लड़ रही एसएसबी से सेवानिवृत्त अधिकारी उषा सजवाण का नाम भी काफी चर्चाओं में है। नजदीक से देखें तो मुकाबला त्रिकोंणीय नजर आ रहा है।

चुनाव में बहुत कम वक्त बचा है। ऐसे में प्रत्याशी पूरा जोर लगाए हुए हैं। कोटद्वार सीट वैसे तो खास चर्चा में नहीं है, लेकिन अगर देखा जाए तो राजनीति लिहाज से कोटद्वार सीट बेहद अहम मानी जा रही है। दरअसल, इस सीट पर भाजपा ने लैंसडौन विधायक दिलीप रावत की पत्नी नीतू रावत को मैदान में उतारा है। लेकिन, जिस तरह से माहौल नजर आ रहा है, उससे उनको अपने ही नुकसान पहुंचाते नजर आ रहे हैं।

दअरसल, कोटद्वार से हरक सिंह रावत भाजपा के विधायक हैं। इस सीट पर हरक सिंह रावत की पंसद विभा चौहान के अलावा पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भी थी। जानकारी के अनुसार, हरक सिंह ने टिकट के लिए पूरा जोर भी लगाया, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया। अब तक की जो जानकारी है, उसके अनुसार हरक सिंह रावत पार्टी के लिए काम नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कोटद्वार में पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगने जाएंगे।

निर्दलीय और भाजपा से बागी धीरेंद्र चौहान की पत्नी को मजबूत दावेदार माना जा रहा है। जानकारों की मानें तो उनके पक्ष में भाजपा का कैडर वोट भी झुकता हुआ नजर आ रहा है। दूसरी बात ये है कि सेवानिवृत्त एसएसबी अधिकारी उषा सजवाल का बैकग्राउंड भी कहीं ना कहीं भाजपा का ही है। ऐसे में वो भी भाजपा को ही नुकसान पहुंचा रही है। इन सबका नुकसान कांग्रेस को मिलता हुआ नजर आ रहा है। कुल मिलाकर देखा जाएग तो मुकाबला भाजपा-भाजपा बागी और कांग्रेस के बीच नजर आ रहा है। अब देखना होगा कि भाजपा अपनी नाव को यहां कैसे पार लगाती है।

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