निर्भया मामला: जिनके कानूनी विकल्प खत्म, उन्हें दे दी जाए फांसी

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नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों की फांसी पर रोक के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। गृह मंत्रालय की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई की जा रही है.केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता हाईकोर्ट में पक्ष रख रहे हैं।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाईकोर्ट से कहा कि दोषी कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि अगर ट्रायल कोर्ट का आदेश बरकरार रहता है, तो दोषी पवन या तो क्यूरेटिव पिटिशन दायर कर सकता है या फिर दया याचिका। दूसरों को फांसी नहीं होगी। दोषी पवन जानबूझकर क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल नहीं कर रहा है।

सॉलिसिटर जनरल ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि पवन गुप्ता एक साथ दो अधिकारों का उपयोग कर रहा था। 2017 में दोषी पवन ने 225 दिन बाद रिव्यू याचिका दाखिल की थी। क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका अब तक दाखिल नहीं की गई है। यानि अगर पवन दया याचिका दायर करने की नहीं सोचता है, तो किसी भी दोषी को सजा नहीं दी जा सकती है।

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