जशोदा राणा की याचिका ख़ारिज, कोर्ट ने सही ठहराया चुनाव आयोग का फैसला, डबल बेंच में अपील

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देहरादून: नगर पालिका बड़कोट से नगर पालिका अध्यक्ष के लिए भाजपा की उम्मीदवार जशोदा राणा को फिलहाल कोर्ट से भी झटका लगा है। कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को सही ठहराया है। जस्टिस सुधांशु धूलिया की सिंगल बेंच ने उनकी याचिका का खारिज कर दिया। हालांकि जशोदा राणा ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है और डबल बेंच में अपील दायर की है, जिस पर कल फिर से सुनवाई होगी। इधर, उनके नामकांन पत्र पर आयोग ने भी आपत्ति जताई है।

निकाय चुनाव का बिगुल इन दिनों खूब बज रहा है। नामांकन होने के बाद नामांकन पत्रों की जांच भी शुरू हो चुकी है। कुछ उम्मीदवारों की उम्मीदों को सरकार जमीनों पर कब्जों ने जमींदोज कर दिया। कुछ के अरमानों पर उनकी ही कारगुजारियों ने पानी फेर दिया। प्रदेशभर में कई उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हो चुके हैं। जबकि कुछ के नामांकन पर तलवार लटकी हुई है।
सबसे पहले आपको सबसे चर्चित मामले के बारे में बताते हैं। हालांकि अभी हाईकोर्ट से निर्णय आना बाकी है। दरअसल, उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने नगर पालिका अध्यक्ष का चुना लड़ने के लिए पहले अपना नाम ग्राम पंचायत की निर्वाचन नामावली से कटवा दिया। इस बीच उन्होंने ने बड़कोट नगर पालिका के वार्ड नंबर-3 में नाम दर्ज कराने के लिए निर्वाचन आयोग में आवेदन किया, लेकिन इससे पहले कि उनका नाम दर्ज होता। पुरोला से जिला पंचायत सदस्य दीपक बिजल्वाण ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी।
उस याचिका में साफतौर यह बात सामने आई कि जशोदा राणा का नाम पहले से ही देहरादून के सीमाद्वार नगर निगम वार्ड संख्या-40 में दर्ज है। चुनाव आयोग ने भी इसको आधार मानते हुए नगर पालिका अधिनियम की धारा 12 ड़ (2) के तहत स्पष्ट प्रावधान है कि किसी एक नगर पालिका या नगर पंचायत में नाम दर्ज होने की स्थिति में किसी दूसर नगर पालिका में नाम दर्ज नहीं कराया जा सकता। इससे साफ हो जाता है कि जशोदा राणा सीधेतौर पर अध्यक्ष पद के लिए अयोग्य हैं।

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