हेली सेवा देने वाली कंपनियों को कोर्ट में देना होगा जवाब

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नैनीताल: हाईकोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए सरकार की ओर से दोबारा जारी किए गए हेली सेवा टेंडर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए याची को केदारघाटी में हवाई सेवा देने वाली कंपनियों को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं। इससे एक बात तो तय हो गई है कि सेवाएं देने वाली कंपनियों को कोर्ट में जवाब देना होगा। इस मामले में अब 10 मई को सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई हेलीपैड संचालक राजीव धर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार की ओर से 18 अप्रैल को दोबारा जारी किए गए टेंडर और 19 अप्रैल को उस में संशोधन करने को चुनौती दी थी।

याचिकाकर्ता ने पूर्व में दायर याचिका में कहा था कि सरकार ने नौ ऑपरेटरों को क्वालीफाई करने के लिए टेंडर की शर्ते तय की थी। अनुभव की शर्ट को 6 बार संशोधित किया गया। केदारनाथ की मंदाकिनी घाटी में 14 हेलीपैड हैं, जिनमें गुप्तकाशी फाटा सिरसी और सीतापुर से हेलीकॉप्टर उड़ते आए हैं। इस बार तीन ही रूट बनाए गए हैं। सरकार की ओर से टेंडर वापस होने पर याची ने याचिका वापस ली थी। सरकार ने 18 अप्रैल को अधिसूचना जारी की लेकिन, 19 को उसमें फिर संशोधन करने पर याची ने दोबारा याचिका दायर की थी। पीठ ने हिमालयन एविएशन, पवनहंस और आरएन एविएशन को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से यात्री किराए की लिस्ट भी कोर्ट को दी गई, जिसमें प्रति यात्री 9999 रुपए किराया और जीएसटी वसूला गया है। जब्कि सरकारी रेट 7300 रुपए प्रति यात्री और जीएसटी का है

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