VIDEO: फूड प्वाइजनिंग पीड़ितों के सुधरने लगे हालात, प्रशासन बनाए हुए है नजर

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बागेश्वर: कपकोट तहसील के गडेरा और बास्ती गांवों में फूड प्वाइजनिंग से पीड़ित ग्रामीणों के हालात अब धीरे-धीरे सुधरने लगे हैं। गडेरा गांव में लगभग सभी ग्रामीण घर लौट चुके हैं जबकि, बास्ती गांव में ग्रामीणों की देख-रेख के लिये मेडिकल टीम बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जब तक हर ग्रामीण स्वस्थ नहीं हो जाता तब तक गांव में मेडिकल टीम बनी रहेगी।
कपकोट तहसील के बास्ती, गडेरा और सनगाड़ गांव में फूड प्वाइजनिंग के मरीजों की स्थिति अब सामान्य है। धीरे-धीरे लोग अब अपने खेती की ओर मुड़ने लगे हैं। गडेरा गांव में सभी मरीज ठीक हैं और अस्पताल से घर लौट चुके हैं जबकि, बास्ती गांव में कुछ लोगों को कमजोरी और थकान जैसी समस्यायें हैं। सीएमओ और मेडिकल की टीम ने गांव का दौरा कर जगह-जगह कैंप लगाये। कैंप में ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

मेडिकल टीम में गरूड़, बैजनाथ, कांडा, कमेड़ी, सामा और कंधार स्वास्थ्य केन्द्र के डाक्टरों को शामिल किया गया है। सभी डाक्टर रोटेशन के हिसाब से गांव में ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर नजर रख रहे हैं। एक सप्ताह में सभी ग्रामीणों का स्वास्थ्य ठीक होने की बात कही जा रही है। सीएमओ डाॅ जेसी मंडल के मुताबिक, गांव में तब तक मेडिकल टीम बनी रहेगी जब तक फूड प्वाइजनिंग से प्रभावित हर मरीज ठीक ना हो जाय।
वहीं, गांव के प्रधान देवेन्द्र सिंह महर ने जिला प्रशासन से गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि, गांव में स्वास्थ्य केन्द्र होता तो शायद स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती। आपको बता दें कि जिस गांव में फूड प्वाइजनिंग की घटना हुई है उस गांव से पांच किलोमीटर दूरी तक कोई अस्पताल नहीं है। छह किलोमीटर दूर सनगाड़ गांव में एक आयुर्वेदिक अस्पताल है लेकिन, वहां केवल एक फार्मसिस्ट तैनात है। ऐसे में ग्रामीणों को बेरीनाग और कांडा स्वास्थ्य केन्द्र जाना पड़ता है। ग्रामीणों की मांग पर सीएमओ ने ग्राम सभा से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव पास कराने को कहा है। उन्होंने बताया कि जल्द शासन को रिपोर्ट भेजी जायेगी।

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