नर्सिंग काउंसिल के सर्कुलर के बावजूद सड़क पर एएनएम, सरकार मौन!

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देहरादून: भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने पूर्व की कांग्रेस सरकार के साथ ही अपनी सरकार पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकारों की गलती का खामियाजा एएनएम कोर्स कर चुकी 5000 से अधिक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी युवतियां और महिलाएं भुगत रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को पूर्व में की गई व्यवस्था में संशोधन कर एएनएम भर्ती में विज्ञान की अनिवार्यता को समाप्त कर कोर्स कर चुकी कला वर्ग की अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने की छूट देने चाहिए।
2016 में एएनएम के 440 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। सरकार ने कला और विज्ञान वर्ग दोनों को इसके लिए योग्य माना था। बड़ी संख्या में युवतियां और महिलाएं सरकारी और निजी काॅलेजों में प्रशिक्षण भी ले चुकी हैं। भर्ती निकलने के बाद विज्ञान वर्ग की अभ्यर्थी कोर्ट में चल गईं। जुगरान ने बताया कि कोर्ट ने नियमों के दायरे में भर्ती का आदेश दिया था, लेकिन सरकारी अधिवक्ता की गलती के कारण 5000 अभ्यर्थी सड़क पर हैं। जबकि भारतीय नर्सिंग काउंसिल पहले ही पूरे देश में कला, वाणिज्य और विज्ञान वर्ग को नर्सिंग कोर्स के लिए योग मान चुकी है। काउंसिल ने 2013 में बाकायदा इसका सर्कुलर भी जारी किया था। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए। भारतीय नर्सिंग काउंसिल के सर्कुलर के अनुसार छूट दी जानी चाहिए। कहा कि अगर इस पर निर्णय नहीं होता है, तो वे न्यायालय में जाएंगे

हालांकि इस मामले में कला और वाणिज्य वर्ग के अभ्यर्थी पूर्व में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी मिल चुके हैं। तब सीएम ने उनको मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही थी, लेकिन अब तक सरकार ने इस मामले में कुछ भी नहीं किया है। इससे एएनएम अभ्यर्थी परेशान और आक्रोषित हैं। मामले में हाईकोर्ट पहले ही विज्ञान वर्ग के पक्ष में फैसला सुना चुका है। सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करना ही एक मात्र विकल्प बचा हुआ है। 

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