बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने पार्टी से दिया इस्तीफा

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नई दिल्ली: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) को यूपी में बड़ा झटका लगा है। यहां बहराइच से भाजपा की दलित सांसद सावित्री बाई फुले ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

पार्टी से इस्तीफा देने के बाद सावित्री बाई फुले ने एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है। सांसद ने आरोप लगाया कि बीजेपी समाज में बंटवारे की साजिश कर रही है। इस दौरान फुले ने दो टूक कहा कि जब तक वह जिंदा हैं, दोबारा बीजेपी में वापस नहीं लौटेंगी। इसके अलावा सावित्री बाई फुले ने कहा कि भाजपा देश को मनुस्मृति के हिसाब से चलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा दलित, पिछड़ा व मुस्लिम विरोधी है और आरक्षण ख़त्म करने की साज़िश रच रही है।

केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए सांसद ने कहा कि काला धन विदेश से वापस लाने का वादा भी पूरा नही किया गया। मंदिर-मस्जिद का खौफ दिखाकर आपसी भाईचारा खत्म किया जा रहा है। फुले ने आरोप लगाया कि दलित सांसद होने की वजह से उनकी कभी बात नहीं सुनी गई और हमेशा उपेक्षा की गई।

बता दें कि पिछले ही दिनों राम मंदिर के मुद्दे पर फुले ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था। इस दौरान सांसद ने राम मंदिर को मंदिर न बता देश के तीन प्रतिशत ब्राह्मणों की कमाई का धंधा करार दिया था। इससे पहले उन्होंने भगवान राम को शक्तिहीन बताते हुए कहा था कि अगर उनमें शक्ति होती तो अयोध्या में राम मंदिर बन जाता। एक अन्य बयान में सांसद ने कहा था कि भगवान हनुमान मनुवादी लोगों के गुलाम थे। फूले ने भगवान राम को मनुवादी बताया और कहा कि अगर हनुमान दलित नहीं थे तो उन्हें इंसान क्यों नहीं बनाया गया? उन्हें बंदर क्यों बनाया गया? उनका मुंह क्यों काला किया गया…?

दरअसल, बीते दिनों योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान के अलवर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए हनुमान को दलित और वनवासी बताया था। जिसके बाद से इस विवाद ने तूल पकड़ लिया।

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