5.72 फिसदी की दर से आम आदमी पर गिरी बिजली

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दिया तले अंधेरा वाली कहावत इस प्रदेश पर सटीक बैठती है। एशिया का सबसे बड़ा डेम प्रदेश में होने के बावजूद भी आम आदमी की जेब पर ऊर्जा का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। ऊर्जा प्रदेश बनने का ख्वाब देखने वाला अपना उत्तराखंड खुद ही ऊर्जा की मार झेल रहा है। 5.72 के साथ प्रदेश की ऊर्जा दरों में बढ़ोत्तरी इस बात की तस्दीक करता है। आपको बता दे कि विद्धुत नियामक आयोग ने प्रदेश के लोगो पर बिजली का अतिरिक्त बोझ ड़ालते हुए बिजली की दरों को 5.72 फिसदी बढ़ा दिया है, यानी कि अब आम आदमी पर आर्थिक बोझ पड़ना तय है। हालांकि बीपीएल औऱ किसानों को इस बोझ से राहत दी गई है। जबकि ऊर्जा विभाग द्वारा 13.48 फिसदी बिजली की दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था। जिसके बाद विद्धुत नियामक विभाग द्वारा इन दरों को बढ़ाया गया है। जहां एक तरफ ये दरें बढ़ी है तो वहीं दुसरी ओर विद्धुत नियामक आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार का कहना है कि उत्तराखंड भारत के सभी राज्यों में से सबसे सस्ती बिजली देने वाला राज्य है औऱ बिजली की जो दरें बढ़ाई गई है वे काफी मामूली दरें है।

अब सवाल फिर वहीं की आखिर ये दिया तले अंधेरा कब तक ?

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