नारी निकेतन – संवासिनियों ने घर जाने कि करी मांग, मांग पूरी न होने पर बरसाए पत्थर..

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घर जाने की मांग पर अड़ी कुछ संवासिनियों ने नारी निकेतन में गुरुवार रात उग्र हो गईं। संवासिनियो ने रात नारी निकेतन में जमकर पत्थर बरसाए और फर्नीचर भी तोड़ डाले। संवासिनियो के विरोध को पहले तो नारी निकेतन प्रशासन दबाने में जुटा रहा, मगर परिस्थितिया बिगड़ने पर पीएसी बुलानी पड़ी। पीएसी ने किसी तरह हालात को काबू किया।

नारी निकेतन कि एक कर्मचारी ने नाम न उजागर करने कि शर्त पर हैलो उत्तराखंड को बताया कि मामला शाम करीब सात बजे शुरू हुआ, जब कुछ संवासिनियों ने निकेतन की अधीक्षिका कंचन आर्य से घर जाने देने की जिद की, लेकिन आर्य ने उन्हें धमकाकर शांत करा दिया।कुछ देर शांत होने के बाद रात करीब नौ बजे संवासिनियों ने नारेबाजी शुरू कर दी, उसके बाद देर रात करीब 11 बजे मामला बिगड़ गया और संवासिनियां नारेबाजी करते हुए पथराव करने लगीं। नारी निकेतन कर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई।

नारी निकेतन की अधीक्षिका कंचन आर्य ने हैलों उत्तराखंड को बताया कि घर जाने कि जिद संवासिनियों पर इतनी हावी हो गयी थी कि उन्होंने नारीनिकेतन कि टयूब लाइट, खिड़की के शिशे और सभी समान तौड़ने शुरू कर दिए, संवासिनियों को बेकाबू होते हुए देख  नेहरू कॉलोनी पुलिस को सूचना दी गई। एक कंपनी महिला पीएसी मौके पर भेजी गई। सिटी मजिस्ट्रेट जीएस मर्तोलिया व जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट भी मौके पर पहुंचे और किसी तरह हालात काबू किए।

जिलाधिकारी देहरादून एस0ए मुरुगेसन ने हैलो उत्तराखंड को बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट को मौके पर भेजा गया था। लेकिन मामले में नारी निकेतन प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है। जिला प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गई, जो बेहद गंभीर है। दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि अक्सर विवादों में रहने वाला दून नारी निकेतन दो साल पहले यौन शोषण मामले को लेकर भी काफी किरकिरी झेल चुका है।

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