एसबीआई ने घटाई मिनिमम बैलेंस की लिमिट..

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स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने न्यू्नतम शेष राशी में कटौती करते हुए खाताधारकाे काे थोड़ी राहत दी है। एसबीआई बैंक ने मिनिमम अकाउंट बैलेंस के नियमों में बदलाव करते हुए मेट्रो सिटी के कस्टमर के लिए मंथली एवरेज बैलेंस की रकम पांच हजार से घटाकर तीन हजार रुपए कर दी है। ये नियम एक अक्टूबर 2017 से लागू होगा।

एसबीआई ने अलग-अलग शहरों और गांव के लोगों को चार अलग अलग कैटेगरी में बांटा था। मेट्रो, अर्बन, सेमि-अर्बन और रुरल। इन सभी के लिए न्यूनतम शेष धनराशी भी अलग-अलग निरधारित की गई थी लेकिन एसबीआई ने अब मेट्रो और अर्बन सेंटर्स को एक ही केटेगरी में रखने का फैसला लिया है।

महानगरों के लिए न्यूनतम राशि सीमा 5,000 रुपये रखी गई थी, वहीं शहरी और अर्द्धशहरी शाखाओं के लिए यह सीमा क्रमश: 3,000 और 2,000 रुपये तथा ग्रामीण शाखाओं के लिए 1,000 रुपये रखी गई थी। लेकिन अब महानगरों ओर शहरी केंद्रों को एक श्रेणी में रखने के फैसले के बाद महानगराें में अब 3,000 रुपये की सीमा लागू होगी।

बैंक ने पेंशनभोगियों, सरकार की सामाजिक योजनाओं के लाभार्थियों और नाबालिग खाताधारकों को अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न होने के बावजूद भी उन्हें मंथली चार्ज नहीं देना होगा।

एसबीआई बैंक ने मेट्रो और अर्बन कैटेगरी के खाताधारकाें के खातों में मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाले चार्ज को भी 20 से 50 प्रतिशत तक कम कर दिया हैं।

अब मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर हर महीने मेट्रो सेंटर्स में 50 रुपए और अर्बन सेंटर्स में 30 रुपए का चार्ज लगेगा। वहीं, सेमी-अरबन और रुरल सेंटर्स पर हर महीने अब 20 से 40 रुपए के बीच चार्ज लगाया जाएगा।

भले ही मेट्रो सिटी सेंटर्स के लिए 2000 रुपये की छूट दी गई हो लेकिन अर्बन, सेमी-अर्बन और रुरल सेंटर्स पर मंथली एवरेज बैलेंस लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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