27 जुलाई की प्रथम पाली से ऊर्जा निगम के कार्मिकों की हड़ताल! सरकार से खफा, मुख्यमंत्री के आश्वासन पर 27 मई 2021 को किया था हड़ताल स्थगित

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देहरादून: आज दिनांक 24 जुलाई को विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के विभिन्न घटक संघों की एक आपात बैठक यमुना कॉलोनी देहरादून स्थित हाइड्रोइलेक्ट्रिक एंप्लाइज यूनियन के कार्यालय में आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रदीप कंसल तथा संचालन मोर्चा के संयोजक इंसारूल हक के द्वारा की गई।
मोर्चा के वक्ताओं द्वारा शासन व प्रबन्धन के नकारात्मक रवैये पर घोर आक्रोश प्रकट किया गया और कहा गया कि लगातार कई वर्ष से संघर्ष करने के बाद भी कर्मचारियों की 9 वर्ष 14 वर्ष 19 वर्ष की एसीपी की व्यवस्था पर कोई आदेश जारी नहीं हुए। मोर्चे ने कहा कि संविदा कार्मिकों के नियमितिकरण व समान कार्य समान वेतन के विषय में कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके अतिरिक्त ऊर्जा निगमों में इंसेंटिव एलाउंसेस का रिवीजन और अनेकों समस्याएं अभी तक लंबित हैं, जिस वजह से मोर्चा अपने पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमानुसार दिनांक 27 की प्रथम पाली अर्थात 26 की मध्यरात्रि से अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए बाध्य है।
मोर्चा के संयोजक ने शासन से अपील की कि तत्काल कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान किया जाए, अन्यथा की स्थिति में 27 जुलाई की प्रथम पाली से तीनों ऊर्जा निगम में संपूर्ण हड़ताल होनी तय है। मोर्चा द्वारा कहा गया कि ऊर्जा निगम के कार्मिक पिछले 4 सालों से एसीपी की पुरानी व्यवस्था तथा उपनल के माध्यम से कार्य कार्योजित संविदा कार्मिकों के नियमितीकरण एवं समान कार्य हेतु समान वेतन को लेकर लगातार शासन प्रशासन से वार्ता कर रहे हैं व वर्ष 2017 में ऊर्जा निगम के कार्मिक आंदोलनरत थे, तब 22 दिसंबर 2017 को कार्मिकों के संगठनों तथा सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ, परंतु आज तक उस समझौते पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

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मोर्चा ने कहा कि ऊर्जा निगम के कार्मिक इस बात से क्षुब्ध हैं कि सातवें वेतन आयोग में उनकी पुरानी चली आ रही 9-5-5 की एसीपी व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है, जो कि उन्हें उत्तर प्रदेश के समय से ही मिल रही थी। यही नहीं, पे मैट्रिक्स में भी काफी छेड़खानी की गई। इससे पूर्व कार्मिक संघटनो ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड के आश्वासन तथा कोविड के कारण जनहित को देखते हुए दिनांक 27 मई, 2021 की अपनी हड़ताल स्थगित कर चुके हैं। इसी क्रम में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारियों द्वारा लगातार ज्ञापन एवं पत्र के द्वारा शासन और प्रबंधन से अपील की जाती रही है किंतु कोई भी कार्यवाही नहीं होने के कारण आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। मोर्चे द्वारा सभी घटक संगठनों/एसोसिएशनों से अपील की गई है कि वे सभी अपने अपने सदस्यों को, चाहे नियमित हो, उपनल संविदा हो या स्वंय सहायता समूह के कर्मचारी हों, इस हड़ताल कार्यक्रम को सफल बनाने में शतप्रतिशत भागीदारी दें।
मोर्चे ने कहा कि उनका दिनांक 26 जुलाई को प्रातः 10:00 से 3:00 तक जल विद्युत निगम मुख्यालय पर सत्याग्रह का कार्यक्रम है। उसी दिन 3:00 बजे से 5:00 बजे तक जल विद्युत निगम मुख्यालय से ऊर्जा भवन तक रैली का आयोजन होगा और 27 जुलाई की प्रथम पाली अर्थात 26 जुलाई की मध्य रात्रि से तीनों ऊर्जा निगमों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएँगे।
बैठक में जगदीश चंद्र पंत, डीसी ध्यानी, प्रदीप कंसल, विनोद कवि, कार्तिकेय दुबे, दीपक बेनीवाल, अमित रंजन, भानु प्रकाश जोशी, गौविन्द प्रसाद नौटियाल, प्रमोद नरेंद्र नेगी, नीरज तिवारी, प्रदीप प्रकाश शर्मा, सोहनलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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