पिरूल की बिक्री के लिए उठाए जा रहे ठोस कदम – धीराज गर्ब्याल.

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ललित जोशी की रिपोर्ट;
नैनीताल: नैनीताल में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद जिला अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि नैनीताल जनपद के 70.157 प्रतिशत भूभाग में विभिन्न प्रकार के वन क्षेत्र मौजूद है। इन वन क्षेत्रो की अपनी महत्ता एवं आकर्षण है। किन्तु पर्यटन गतिविधियो को बढोत्तरी होने के कारण नैनीताल तथा अन्य सम्पर्क मार्गो की विशेष महत्ता हो गई है। नैनीताल के इन सम्पर्क मार्गो के दोनो ओर अधिकांश चीड के वन स्थित है। चीड वनो की अपनी विशेषता के कारण मई जून मे इनकी पत्तियां (पिरूल) के गिरने का क्रम जारी रहता है तथा रास्ते पिरूल से भर जाते है।
उन्होने कहा कि पिरूल की ब्रिकी के लिए लालकुआं स्थित सेन्चुरी पेपर मिल से वन विभाग का अनुबन्ध होने जा रहा है। जिसके तहत सेन्चुरी पेपर मिल बाॅयलर के प्रयोग के लिए 40 टन प्रतिदिन पिरूल खरीदेगा। मिल प्रबन्धन द्वारा तीन रूपये किलो पिरूल का भुगतान किया जायेगा। जबकि दो रूपये किलो का भुगतान वन विभाग द्वारा किया जायेगा। इस प्रकार पांच रूपये किला पिरूल का भुगतान होगा। उन्होने बताया कि पर्वतीय क्षेत्र के वन क्षेत्रोें से स्वयं सहायत समूहों से पिरूल एकत्र कराकर सेन्चुरी पेपर मिल को दिया जायेगा। इसके साथ ही पेपर बनाने वाली उधमसिह नगर की मल्टीवाल फैक्ट्री, चीमा पेपर मिल तथा हरिद्वार जनपद की पेपर मिलो से पिरूल क्रय किये जाने के लिए वार्ता की जायेगी।
गब्र्याल ने कहा कि प्रदेश की चीनी मिलों की बाॅयलर के लिए भी पिरूल का उपयोग किया जाना आवश्यक होगा। उन्होने बताया कि जनपद की सेन्चुरी पेपर मिल प्रतिवर्ष 14 हजार टन पिरूल क्रय करने लिए तैयार है।

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