श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए, आर्मी बैंड की धुन पर थिरके मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, देखें वीडियो

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चार धाम यात्रा 2020, सुनीत चौधारी की रिपोर्ट;
रूद्रप्रयाग, श्री केदारनाथ धाम, 16 नवंबर: बारिश एवं बर्फवारी के साथ विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भैयादूज के अवसर पर प्रात: 8.30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गये है। प्रात: तीन बजे से मंदिर खुल गया, श्रद्धालुगणो ने दर्शन किये, इसके पश्चात मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने बाबा की समाधि पूजा संपन्न की तथा साढे छ: बजे भगवान भैरवनाथ जी को साक्षीमानकर गर्भगृह को बंद किया गया। तथा साढ़े आठ बजे सभा मंडप तथा मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया।
केदारनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री केदारनाथ धाम में मौजूद रहे। इस दौरान कल रात केदारनाथ धाम में आर्मी की बैंड की धुन सुनकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद को थिरकने से नहीं रोक पाये। सीएम रावत आर्मी की धुन पर दोनों हाथों से ताली बजाते हुए थिरकते नजर आए। इस दौरान उनके साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
साडे ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर मध्य हिमालय में बसा विश्व प्रसिद्ध 11 ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ बर्फ की सफेद चादर में लिपट गया है। एक तरफ बाबा केदारनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर पूरी केदार पूरी वैदिक मंत्रोंचारो की ध्वनि से भक्तिमय बनी हुई थी तो वही आकाश से बर्फ के रूप में सफेद पुष्पों की वर्षा हो रही है। यूं तो भैरव क्षेत्रपाल के कपाट बंद होने के बाद से ही बाबा केदारनाथ बैराग्य रूप धारण कर लेते हैं। यही कारण है कि भैरवनाथ के कपाट बंद होने के बाद से ही केदारनाथ धाम में बर्फबारी का दौर शुरू हो जाता है। आज सुबह से ही केदारनाथ धाम में बर्फबारी हो रही है जिससे धाम में भारी ठंड बढ़ गई है लेकिन एक तो बाबा केदारनाथ की आस्था और दूसरा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के दोनों मुख्यमंत्री केदारनाथ धाम में मौजूद हैं। बर्फबारी के बीच भी योगी आदित्यनाथ केदार पुरी का भ्रमण कर रहे थे और यहां हुए पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा ले रहे थे।
इस अवसर पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के औद्योगिक सलाहकार डॉ के.एस. पंवार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, एसपी रूद्रप्रयाग नवनीत भुल्लर, प्रशासनिक/ मंदिर अधिकारी युद्धवीर पुष्पवान, भैरवनाथ जी के पश्वा अरविंद शुक्ला, सुभाष सेमवाल सहित तीर्थ पुरोहित एवं हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि इस यात्रा वर्ष 135023 (एक लाख पैंतीस हजार तेईस) श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये। बाबा के जय घोष के साथ डोली ने प्रथम पड़ाव रामपुर हेतु प्रस्थान किया जहां देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी, कोषाध्यक्ष आर सी तिवारी एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल उत्सव डोली की अगवानी करेंगे। 17 नवंबर मंगलवार को उत्सव डोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी तथा 18 नवंबर को उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान हो जायेगी। इसी के साथ बाबा केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं भी शुरू हो जायेंगी।
उल्लेखनीय है कि श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर शीतकाल के लिए बंद हो गये। श्री यमुनोत्री धाम के कपाट पूर्वाह्न 12 बजकर 15 मिनट पर बंद हो रहे। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को शायं 3 बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे। द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट भी 19 नवंबर सुबह 7 बजे बंद हो रहे है। मद्महेश्वर मेला 22 नवंबर को आयोजित हो रहा है। तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 4 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो गये हैं।

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