युवराज सिंह ने क्रिकेट से लिया संन्यास, कहा अब आगे बढ़ने का आ गया समय

Please Share

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया है। सोमवार को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सन्यास की घोषणा करते हुए कहा है कि यह क्रिकेट को अलविदा कहने का सही समय। अब आगे बढ़ने का समय आ गया है।बता दें कि इस मौके पर उनकी मां और पत्नी भी मौजूद थीं।

युवराज सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि लगभग 17 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बाद, मैंने आगे बढ़ने का फैसला किया है। इस खेल ने मुझे सिखाया कि कैसे लड़ना है, कैसे गिरना है, धूल फांकना है, फिर से उठना है और आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि मैंने क्रिकेट में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। 2011 का वर्ल्ड कप जीतना मेरे लिए सपना रहा है।  मैंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी है। मैंने अपने पिता का सपना पूरा किया।

बता दे कि युवराज को टीम इंडिया के शॉर्टर फॉर्मेट के सर्वश्रेष्‍ठ बल्‍लेबाजों में शुमार किया जाता था। उन्‍होंने भारत के लिए 40 टेस्‍ट, 304 वनडे और 58 टी20 इंटरनेशनल मैचों में भारतीय टीम78 का प्रतिनिधित्‍व किया। भारतीय टीम को वर्ल्‍डकप 2011 में चैंपियन बनाने में युवराज का अहम रोल रहा। गेंद और बल्‍ले से शानदार प्रदर्शन करते हुए युवराज ने वर्ल्‍डकप 2011 के सर्वश्रेष्‍ठ खिलाड़ी होने का श्रेय हासिल किया था। 40 टेस्ट की 62 पारियों में युवी के नाम कुल 1900 रन हैं, जिसमें 3 शतक और 11 हाफ सेंचुरी उनके नाम हैं। वहीं उनके वनडे करियर की बात करें तो युवराज ने 278 पारियों में कुल 8701 रन अपने नाम किए। इस दौरान उनके बल्ले से 14 शतक और 52 अर्धशतक निकले। 58 टी20I में 1177 रन बनाने वाले युवराज ने नाम यहां 8 हाफ सेंचुरी दर्ज हैं। उन्होंने टेस्ट में कुल 9, वनडे में 111 और टी20I में 28 विकेट अपने नाम किए हैं।

बाएं हाथ के बल्‍लेबाज युवराज की छवि गेंद को बेहतरीन तरीके से टाइम करने वाले खिलाड़ी की थी। वे गेंद पर करारे स्‍ट्रोक लगाने के लिए जाने जाते थे। वर्ष 2007 के टी20 वर्ल्‍डकप में युवराज ने एक ओवर में छह छक्‍के लगाने के कारनामे को अंजाम दिया था। टी20 इंटरनेशनल में एक ओवर में छह छक्‍के लगाने वाले वे एकमात्र बल्‍लेबाज हैं। युवराज ने इंग्‍लैंड के गेंदबाज स्‍टुअर्ट ब्रॉड की गेंद पर इस कारनामे को अंजाम दिया था।

वर्ल्ड कप 2011 के बाद युवराज की सेहत से जुड़ी जो खबर सामने आई थी। उसने उनके फैन्स और भारतीय टीम को झकझोर दिया था। युवराज सिंह के फेफड़े में कैंसर ट्यूमर डिटेक्ट हुआ था और उन्हें इसके इलाज के लिए लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा था। युवराज इस ट्यूमर की पीड़ा के साथ ही वर्ल्ड कप में खेले थे और उन्होंने तब यह बात किसी को जाहिर नहीं की थी। तब वह भारत के लिए हर मैच में खुद को लगातार साबित कर रहे थे। युवराज इस साल आईपीएल में मुंबई इंडियंस (MI) की ओर से खेले थे लेकिन उन्हें अधिक मौके नहीं मिले और संभवत: यही कारण है कि वह अपनी भविष्य की योजनाओं पर गंभीरता से विचार करने के बाद यह निर्णय लिया।

You May Also Like