यहाँ स्वास्थ्य सेवाएं महज आशा व एएनएम के भरोसे, स्वास्थ्य महकमा थपथपा रही अपनी पीठ!

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रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद की सीमा से सटे अंतिम गांव ककोडाखाल में स्वास्थ्य सेवाएं महज आशा व एएनएम के भरोसे हैं। यहां पर एक हजार से भी अधिक की आबादी है और स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर महज एक जीण-छीण एएनएम सेन्टर है। हल्के से बुखार के लिए भी यहां के लोगों को पैदल अस्पतालों तक पहुंचना पडता है।
विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के दूरस्थ क्षेत्र ककोडाखाल में आज भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं हैं। क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के लोगों का स्वास्थ्य एएनएम के जिम्मे है। वह भी सप्ताह में महज दो दिन ही यहाँ इलाज हो पाता है। बाकी दिनों हल्के से बुखार के लिए इन लोगों को या तो गौचर जाना पडता है या फिर रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय आना पडता है। कई गांवों का केन्द्र होने के कारण पूर्व में यहां पर एक फार्मेशिष्ट की तैनाती थी मगर अब यह व्यवस्था भी नहीं है।
सीएमओ का कहना है कि, क्षेत्र में दो आशा कार्यकत्री व एक एएनएम है जो कि सप्ताह में दो बार यहां टीकाकरण के लिए जाती हैं और छोटा सेन्टर होने के कारण यहां दवाइयां भी कम मात्रा में भेजी जाती हैं। पूर्व में फार्मेशिष्ट तो यहां तैनात था मगर अब यह व्यवस्था समाप्त हो गई है।
ऐसे में स्वतंत्रता संग्राम की लडाई के दौरान प्रसिद्व कुली बेगार प्रथा का अंत करने वाले क्षेत्र को स्वतंत्र भारत में भी व्यापक सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। उप केन्द्र को उच्चीकृत करने की मांग ग्रामीण वर्षों से कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को स्वास्थ्य से जुडी समस्याओं के लिए दूर-दराज न भटकना पडे मगर स्वास्थ्य महकमा है कि महज एएनएम सेन्टर के जरिये ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा कर रहा है।

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