वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस बैठक में शर्मिला टैगोर व पटौदी की शादी को दिया गया लव जिहाद नाम

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नई दिल्ली: शिकागो में वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस की दूसरी बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने करीब 2500 लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू समुदाय को आत्मसंतुष्ट होकर नहीं बैठ जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी जानते हैं कि यह कार्यक्रम किया जा रहा है, लेकिन हमारे खुद के लोगों को इसकी जानकारी नहीं हैं। वहीं, इस कार्यक्रम में फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और नवाब पटौदी की सालों पहले हुई शादी का मामला भी गरमाया और इसे लव जिहाद करार दिया गया।

शर्मिला टैगोर 
शर्मिला टैगोर और नवाब पटौदी की शादी का मामला उठा

शिकागो में वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस की दूसरी बैठक के दौरान शर्मिला टैगोर और नवाब पटौदी की शादी को लव जिहाद नाम दे दिया गया। सालों पहले शर्मिला टैगोर ने क्रिकेटर नवाब पटौदी से शादी की थी। जबकि इस कार्यक्रम के दौरान कहा गया कि शादी के बाद शर्मिला टैगोर को धर्म परिवर्तन करना पड़ा और इस्लाम कबूल करना पड़ा। इस दौरान ये भी कहा गया कि उनको अपना नाम बदलकर आयशा बेगम सुल्ताना करना पड़ा। साथ ही ये भी कहा गया कि इनके बच्चों का अरबी नाम रखा गया और इनका पालनपोषण उसी के अनुरूप किया गया।

लव जेहाद 
लव जिहाद का मुद्दा फिर गरमाया

बंगाली परिवार में जन्मी शर्मिला टैगोर ने साल 1969 में नवाब पटौदी से शादी की थी और इस्लाम धर्म अपना लिया था लेकिन वो शर्मिला टैगोर के नाम से ही जानी जाती रहीं। इस मुद्दे पर दिलीप अमीन कहते हैं कि उन्होंने सालों तक रोमांटिक लव क्यों किया? क्या ये कुरान में जायज है? उन्होंने कहा कि शर्मिला ने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया या फिर केवल शादी करने को लेकर ऐसा करना पड़ा? दिलीप अमीन कहते हैं कि अगर उस धर्म में आपकी आस्था है तो आप उसे स्वीकार करें लेकिन केवल शादी के लिए ऐसा करना गलत है। इस कार्यक्रम में ये भी सवाल उठा कि क्या सैफ की पत्नी करीना कपूर ने भी धर्म परिवर्तन किया है? क्या उनका बेटा तैमूर हिंदूत्व को सामने लाएगा?

आरएसएस प्रमुख 
विश्व हिंदू कांग्रेस के कार्यक्रम में मौजूद थे आरएसएस प्रमुख

बता दें कि इसी कार्यक्रम में आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि दुनियाभर के हिंदुओं को एक साथ आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह मुश्किल है, लेकिन फिर भी इसकी कोशिश होनी चाहिए। भागवत ने कहा कि हिंदू समाज के लिए आपसी समायोजन और एकजुटता बहुत जरूरी है। इस दौरान मोहन भागवत ने महाभारत की कई कहानियों का जिक्र किया और तमाम हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की।

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