त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट में इन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लगी मुहर

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पौड़ी:  गढ़वाल मंडल के मुख्यालय पौड़ी कमिश्नरी के 50 साल पूरे होने पर पौड़ी में पहली बार कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। कैबिनेट बैठक में मंत्री अरविंद पांडे को छोड़कर सभी मंत्री मौजूद रहे। मंत्रिमंडल की बैठक में आज 13 बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसमें से 11 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इनमें पलायन खासकर पौड़ी जिले से हो रहे पलायन, कमिश्नरी को और अधिक प्रभावी बनाने, पौड़ी जिले की पेयजल समस्या के साथ ही यहां के विकास के लिए नई योजनाओं को मंजूरी दी जाएगी जो को कल रविवार को मुख्यमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के बताएंगे।

बैठक में रोजगार औए स्किल डेवलपमेन्ट, मंडी समिति में रिवॉल्विंग फंड को स्वीकृति, पर्यटन विकास परिषद के साहसिक पर्यटन अधिकारी के वेतनमान के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाने, चौखुटिया को नगर पंचायत का दर्जा देने, देहरादून के पुरकुल तक मसूरी रोपवे का निर्माण पीपीपी मोड में देने पर, 692 लाख 77 हजार पौड़ी में ल्वाली झील के लिये स्वीकृत, किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उत्पाद खरीदने, उत्तराखंड दिव्यांगजन अधिकार नियमावली -2019, परिवहन विभाग की सड़क सुरक्षा के लिए गठित लीड एजेंसी के पुनर्गठन, पौड़ी के देवार में एनसीसी एकेडमी के लिए 3.66 हेक्टेयर जमीन फ्री में दिए जाने और देहरादून सचिवालय के विस्तारीकरण के लिए सचिवालय से लगी 4.031 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण न करने के प्रस्तावों पर मुहर लगी।मंत्रिमंडल में मुहर लगने के बाद अब सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से गठित राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा लीड एजेंसी का पुनर्गठन होगा। परिवहन विभाग ने एजेंसी के पुनर्गठन का प्रस्ताव आज कैबिनेट बैठक में पेश किया। जिसके बाद लीड एजेंसी की कमान परिवहन आयुक्त की जगह संयुक्त परिवहन आयुक्त के हाथों में होगी।

आपको बता दे राजधानी से बाहर त्रिवेंद्र सरकार की यह दूसरी कैबिनेट बैठक है। पहली बैठक त्रिवेंद्र सरकार ने टिहरी झील में की थी। उनसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक हरिद्वार में, विजय बहुगुणा गैरसैंण में और हरीश रावत हरिद्वार, अल्मोड़ा और केदारनाथ में कैबिनेट की बैठकें कर चुके हैं। इस कैबिनेट बैठक को अहम माना जा रहा है

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