राज्य आंदोलनकारियों ने प्रदेश सरकार पर लगाया दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप

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बागेश्वर: राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण सलाहकार चयन समिति की बैठक बिना कि निर्णय के खत्म हो गयी। जिससे अंन्तिम सूची जारी होने के लिये राज्य आन्दोलनकारियों को और इंन्तजार करना पडेगा।

जिला मुख्यालय में आयोजित राज्य आन्दोलनकारी चिन्हीकरण सलाहकार समीति की बैठक बुलायी गयी थी। जिसमे जिलेभर के 350 से अधिक राज्य आन्दोलनकारियों ने चिन्हीकरण के लिये आवेदन किया था। लेकिन, हाईकोर्ट से जारी सूची के अनुसार, समिति ने केवल 99 आवेदनों पर ही विचार किया।  कपकोट से 27 आवेदन, बागेश्वर से 35 आवेदन और गरूड तहसील से 37 आवेदन स्वीकार किये गये। साथ ही इन 99 में से 2 राज्य आन्दोलनकारियों की मृत्यु हो चुकी है। करीब 3 घंटे तक चली बैठक में  समिती के सदस्यों के साथ जिला प्रसाशन के अधिकारी भी मौजूद रहे। समिति की ओर से सभी आवेदनों  की जांच की गयी। जांच में आवेदकों के पूरे दस्तावेज नहीं होने के चलते जिलाधिकारी ने दस्तावेज पेश करने के लिये 1 सप्ताह का समय दिया है।

वहीँ राज्य आन्दोलनकारियों ने प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुये कहा कि, इस मामले में वह  कोई ठोस नीति नहीं बना रही है। उन्होंने सरकार द्वारा उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि, देहरादून मे 3,200 से भी अधिक लोगों को अखबारों की कटिंग के आधार पर राज्य आन्दोलनकारी घोषित किया गया है। साथ ही हरिद्वार एंवम उधम सिह नगर में भी सैकडो लोगों को अखवार की कटिंग के आधार पर राज्य आन्दोलनकारी घोषित किया गया। लेकिन, अब प्रशाशन व समिति कह रहे हैं कि, नया शाशनादेश के अनुसार अब अखबार की कटिंग के आधार पर राज्य आन्दोलनकारी नहीं माना जायेगा। जो की एक विरोधाभाषी तथ्य है। इसके आलावा उन्होंने कहा कि, जब अन्य जिलो में अखबारों की कटिंग  के आधार पर राज्य आन्दोलनकारी घोषित किया है और अखबारों की कटिंग को ही साक्ष्य माना गया है। तो ऐसे में जिले के लिये शासन द्वारा अलग से शासनादेश जारी करना सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही है।

मामले में जिलाधिकारी का कहना है कि, माननीय उच्च न्यायालय से जो सूची हमें प्राप्त हुयी है, उसी  पर समिति द्वारा सुनवायी की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि, बैठक में किसी ने भी राज्य आन्दोलनकारी होने के ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये। जिसके लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। यदि किसी के पास राज्य आन्दोलनकारी होने का कोई ठोस साक्ष्य है तो वह जिला कार्यालय मे साक्ष्य को प्रस्तुत कर सकता है।

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