VIDEO: सामने आई जेल अधीक्षक की करतूत, महिला के साथ दुष्कर्म का विडियो वायरल, मुकदमा दर्ज

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सितारगंज: उधम सिंह नगर जिले के सितारगंज कोतवाली क्षेत्र निवासी एक और जहाँ केंद्र और राज्य की सरकारें महिलायों की सुरक्षा के बड़े बड़े दावे करते नजर आते हैं, लेकिन यहाँ तो कानून के रखवाले ही कानून की धज्जियाँ उड़ाते नजर आ रहें हैं। सितारगंज में एक सनसनी खेज मामला सामने आया है, जिसमे संपूर्णानंद जेल सितारगंज के अधीक्षक टीडी जोशी सहित दो अन्य कर्मचारियों पर एक महिला द्वारा गैंग रेप का आरोप लगाया गया है। यहां रेप की पीड़ित महिला को न्याय पाने के लिए दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

दरअसल, सितारगंज नगर निवासी एक महिला कैदी ने खटीमा के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया था कि उसके भाई के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज होने पर वर्ष 2003 में उसे भी हल्द्वानी जेल भेज दिया गया था। हल्द्वानी जेल में उस समय डिप्टी जेलर के पद पर कार्यरत और वर्तमान में संपूर्णानंद जेल सितारगंज के अधीक्षक ने उसे कार्यालय बुलाकर दुष्कर्म किया। कुछ दिन बाद वह जमानत पर रिहा हो गई। इसके बाद डिप्टी जेलर की यहां संपूर्णानंद जेल में तैनाती हो गई। यहां वह राजस्व विभाग की जमीन पर खेतीबाड़ी करने साथ ही जेल में एक संस्था के माध्यम से कार्य कर रही थी। तब एक बार फिर उसकी मुलाकात जेल अधीक्षक से हुई। महिला ने आरोप लगाया कि अक्तूबर 2016 में जेल अधीक्षक ने फिर उसे अपने कार्यालय बुलाकर उसके साथ छेड़छाड़ की, जिसका विरोध कर वह घर चली आई। इसके बाद नवंबर 2016 में आरोपी जेल अधीक्षक अपने जेलर और एक अन्य कर्मचारी के साथ उसके घर आया और उसके साथ गेंग रेप की घटना को अंजाम दिया। इसके बाद जेल अधीक्षक उसके साथ आए दिन दुष्कर्म करने लगा। 26 जनवरी 2017 की रात करीब 8:30 बजे तीनों उसके घर आए और दुष्कर्म किया।

महिला का आरोप है कि जेलर और कर्मचारी ने मोबाइल से उसकी वीडियो भी बनाई और इसे इंटरनेट पर अपलोड कर बदनाम करने की धमकी देते हुए उसके साथ दुष्कर्म करते रहे। तीन मई 2018 की रात को आरोपियों ने एक बार फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद 18 जून 2018 को उसने एसएसपी, मुख्य सचिव, आईजी,डीआईजी, डीजीपी और महिला आयोग की अध्यक्ष को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर उसने न्यायिक मजिस्ट्रेट नाजिश कलीम की अदालत में न्याय के लिए गुहार लगाई। इस पर 28 जुलाई को अदालत ने सितारगंज थानाध्यक्ष को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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