आधुनिकता के दौर में भी रुद्रप्रयाग के युवा संजोए हुए हैं पौराणिक विरासत

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रुद्रप्रयाग: जनपद इन दिनों रामभक्ति से रस में सरोबार है। जिले के अधिकांश हिस्सों में रामलीलाओं का भव्य मंचन किया जा रहा है। जिसको देखने के लिए रामभक्त दूर-दराज के गांवों से बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इन लीलाओं से जहां पौराणिक विरासत को नई पीड़ी से रुबरु करवाने का एक पुण्य कार्य चल रहा है वहीं ये लीलाएं ग्रामीणों के आपसी सौहार्द व भाई-चारे को भी बड़ा रही हैं।

अगस्त्यमुनि विकासखण्ड की सबसे बड़ी ग्रामपंचायत बावई में भी इन दिनों रामलीला का मंचन किया जा रहा है। और वर्ष 1940 से लगातार इस गांव में एतिहासिक रामलीला का मंचन किया जा रहा है। आधुनिक्ता के दौर में जहां हर आयोजन महज खानापूर्ति बनते दिख रहे हैं वहीं नई पीढ़ी के नौजवान बढ़चढ़ कर इन लीलाओं में प्रतिभाग कर लीला के किरदारों को निभा रहे हैं। साथ ही आने वाले दिनों में इन किरदारों को और भी व्यवस्थित तरीके से निभाने की बात कर रहे हैं।

वहीं गांव के बुजुर्गों का कहना है कि आज भले ही समाज में आधुनिक्ता हावी है बावजूद इसके नौजवान अपनी इस ऐतिहासिक लीला में तनमयता से किरदारों को निभा रहे हैं। यही नहीं स्थानीय जनमानस का भी इन लीलाओं में पूरा सहयोग मिल रहा है जो कि मौजूदा समय में एक बड़ी मिसाल है।

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