पुणे पुलिस को भीमा-कोरेगांव केस में चार्जशीट दाखिल करने के लिए मिले 90 दिन

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पुणे: भीमा-कोरेगांव हिंसा मामलारू पुणे सेशन्स कोर्ट ने मामले के पांच आरोपियों सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, सुधीर धवाले और रोना विल्सन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए पुणे पुलिस को 90 दिन का समय दिया. कोर्ट ने पुलिस को कहा कि चार्ज तस समय में ही दाखिल होनी चाहिए।

पुणे में एलगार परिषद के सम्मेलन के माओवादियों से कथित संबंधों की जांच में जून में सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन और महेश राउत को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोप लगाया था कि कार्यक्रम में उत्तेजित भाषणों से अगले दिन पुणे के समीप कोरेगांव भीमा में हिंसा हुई. शनिवार को पुणे पुलिस ने माओवादियों से कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार पांचों लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के लिए 90 दिन की अवधि बढ़ाने की मांग की थी. पुलिस ने इस मामले में ताजा गिरफ्तारियों का हवाला दिया था.

इस बारे में जांच अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार ने कहा, उनकी 90 दिनों की न्यायिक हिरासत की अवधि तीन सितंबर को समाप्त हो रही है. मामले में पांच नई गिरफ्तारियों के साथ जांच अब भी चल रही है. वहीं, 28 अगस्त को पांच और वामपंथी कार्यकर्ताओं वर्नोन गोन्साल्विस, अरुण फरेरा, वरवर राव, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया. बाद में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर इन पांचों को घर में नजरबंद किया गया.

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