प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के कारण ग्रामीण जान हथेली पर रख कर रहे मौत का सफर

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बागेश्वर: कपकोट क्षेत्र के मल्ला दानपुर के दर्जन भर गाँव और शामा लीती गाँव के ग्रामीणो को जान हथेली पर रख कर मौत का सफर प्रशासनिक व्यवस्थाओं के कारण करना पड रहा है। आलम यह है कि कई गाँवों से प्रशासन का संपर्क टूट गया है। जिन गाँव से प्रशासन का संपर्क टूट गया है। उन गाँवो के लोगो को कई किमी का पैदल सफर करके गाडी से सफर करना  पड रहा है। सड़कों की स्थिती इतनी खराब है कि एक चूक में बडी दुर्घटना हो सकती है। कई सप्ताह से सडकें बंद होने के कारण केवल खाना पूर्ति के लिये ही प्रशासन मलबा हटा रहा है। आपदा से निपटने के लिये  प्रशासनिक दावे केवल कागजी ही दिखायी दे रहे हैं।
प्रशासन के दावों की पोल खोलते बीजेपी के कपकोट ब्लाक प्रमुख मनोहर राम काफी दुखी है। गोगिना, रात्रीकेटी, कर्मी, तीख, डोला, नामतीचेटा बगड  के लोगों को जीवन का डर सता रहा है। ब्लॉक प्रमुख मनोहर राम बताते हैं कि, जिले के सीमान्तवादी गांवों मे भारी भूस्खलन से आपदा जैसे हालात हो गये है।
सीमान्त गाँव के दान सिह का कहना है कि गाँव की स्थिती बहुत खराब है। रास्ते, पुलिया आदि सभी टूट गये हैं। हमे तकदीर के भरोसे मरने के लिये छोड दिया है।
आपदा अधिकारी का बयान केवल खाना पूर्ति करने के लिये कहा जा सकता है। अपने बयानो मे आपदा अधिकारी कहती है, कई दुरस्त क्षेत्रो की सडकें  बंद हैं और उन सडको को बंद किया गया है। ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और आगे कार्य प्रगति मे है। कहके केवल पल्ला झाडने का काम ही किया जा रहा है।

सरकारी विभाग हालांकि सड़क खुलवा तो रहा है। लेकिन सड़क अधूरी खुल रही है। ग्रामीण मजबूरन जान हथेली पर रख कर सफ़र करने को मजबूर सिस्टम कि लापरवाही का दंश ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है। जरूरत है ऐसे में शासन प्रशासन  सुविधा लोगो चुस्त दुरुस्त रहे।

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