प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज, बीजेपी ने भोपाल में उतारा ‘डमी’ उम्मीदवार

Please Share

भोपाल: भारतीय जनता पार्टी की भोपाल से उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ पुलिस के एफआईआर दर्ज होने के एक दिन बाद भोपाल के मौजूदा सांसद आलोक संजर ने अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने ‘डमी’ उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन मंगलवार को दाखिल किया। नियमों के मुताबिक अगर किसी पार्टी के पहले उम्मीदवीर का नामांकन किन्हीं वजहों से खारिज हो जाता है तो पार्टी के ‘डमी’ उम्मीदवार को पार्टी का चुनाव चिह्न मिल जाता है।

चुनाव आयोग के निर्देश पर प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ एफआईआर

टीवी 9 को दिए गए इंटरव्यू में प्रज्ञा ठाकुर ने साल 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस में अपनी भूमिका को लेकर बयान दिया है।इसी टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा पूर्व महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे पर उनकी विवादित टिप्पणी को लेकर एक रिपोर्ट चुनाव आयोग के पैनल को भेजी गई है। सोमवार को प्रज्ञा ठाकुर ने बीजेपी के उम्मीदवार के तौर अपना नामांकन भरा था। उन्होंने शुभ समय का हवाला देते हुए इस दिन नामांकन किया था। लेकिन मंगलवार को उन्होंने एक रोड शो निकाला। इसमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कई कार्यकर्ता और कुछ धार्मिक कार्यकर्ता मौजूद थे।

एहतियात के तौर पर किया ‘डमी’ उम्मीदवार का नामांकन

प्रज्ञा ठाकुर के कागजी कार्रवाई पूरी करने के थोड़ी देर बाद मंगलवार को भोपाल के मौजूदा सासंद आलोक संजर ने ‘डमी’ उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। संजर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उन्होंने डमी’ उम्मीदवार के तौर पर नामांकन सिर्फ एहितायत के तौर पर किया है। उन्होंने दावा किया कि साल 2014 में जब उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया था, तब भी ऐसा ही हुआ था। लेकिन उनसे जब विस्तार से इस बारे में पूछा गया तो वो ‘डमी’ उम्मीदवार का नाम नहीं बता सके। प्रज्ञा के रोड शो के दौरान ‘प्रज्ञा दीदी संत हैं, दिग्विजय सिंह तेरा अंत है’, ‘हिंदुस्तान में रहना होगा, वंदे मातरम कहना होगा’ और ‘आधा नहीं पूरा कश्मीर हमारा है’ नारे लगे। 49 साल की प्रज्ञा ठाकुर रोड शो के दैरान स्थानीय बीजेपी नेताओं के साथ खुले वाहन में थी। इस रोड को पुराना भोपाल से ले जाया गया जो सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील है। ये रोड शो कलेक्ट्रेट में जाकर खत्म हुआ।

You May Also Like