पर्यटक स्थल पर सिंगापुर व चाय की बागवानी में पनामा से लिया जाएगा सहयोग

Please Share

देहरादून: बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में पनामा में भारतीय राजदूत रवि थापर और सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त जावेद अशरफ ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान बैठक में सचिव अमित नेगी, आर.मीनाक्षी सुन्दरम और  राधिका झा भी उपस्थित थे। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत के सभी राज्यों द्वारा दुनियाभर के देशों में व्यापार व निवेश सम्बन्धी अधिकाधिक भागीदारी बढ़ाए जाने की पहल को मजबूती देने के क्रम में विचार विमर्श किया गया।

सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त जावेद अशरफ ने सीएम को जानकारी देते हुए बताया कि सिंगापुर को अरबन प्लानिंग (शहरी नियोजन), रेन वाटर हार्ववेस्टिंग, वाटर रिसाइक्लिंग, सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट, स्किल डेवलेपमेंट, वेस्ट से बिजली उत्पादन, औद्योगिक पार्कों की स्थापना और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि सिंगापुर द्वारा उत्तराखण्ड को उक्त क्षेत्रों में तकनीकी सहायता व निवेश सम्बन्धित सहयोग दिया जा सकता है।

इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार 13 डिस्ट्रिक्ट-13 न्यू डेस्टिनेशन योजना के तहत राज्य में नए पर्यटक स्थल व टाउनशिप विकसित करने पर गम्भीरता से कार्य कर रही है। नए पर्यटक स्थल व टाउनशिप विकसित करने और वर्तमान शहरों के नियोजन में सिंगापुर से सहायता ली जा सकती है। वहीं पनामा में भारतीय राजदूत रवि थापर ने बताया गया कि पनामा में टी प्लान्टेशन के क्षेत्र में अच्छा कार्य हो रहा है। साथ ही पनामा द्वारा उत्तराखण्ड चाय बोर्ड के साथ इस राज्य में चाय की बागवानी को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी व विशेषज्ञ सहायता दी जा सकती है।

वहीं मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में जैविक खेती के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं है। साथ ही राज्य में डिजिटल कनेक्टिविटी, सिविल एविएशन, ऑल वेदर रोड के सुदृढीकरण पर विशेष फोकस किया जा रहा है। राज्य में निवेशकों के लिए फ्रेंडली सिस्टम विकसित किया जा रहा है। साथ ही राज्य की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए  आईटी नेटवर्क को मजबूत किए जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगापुर व पनामा में कृषि के क्षेत्र में हुई बेस्ट प्रेक्टिसज का लाभ उत्तराखण्ड के किसानो तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। सिंगापुर व पनामा के साथ विभिन्न क्षेत्रों में निवेश, अनुभवों को साझा करने तथा तकनीकी सहयोग व विशेषज्ञों के साथ निरन्तर संवाद बनाए रखने के लिए प्रत्येक विभाग में नोडल अधिकारी निर्धारित किए जाए।

You May Also Like