प्रज्ञा के गले लगकर रोईं उमा भारती, कहा: संन्यासी कभी एक-दूसरे से नाराज नहीं होते

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नई दिल्ली: उमा भारती की नाराजगी की खबरों के बीच वे भोपाल में बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा से मिलने पहुंची। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे से बेहद आत्मीयता से मुलाकात की।उमा भारती ने साध्वी प्रज्ञा का मुंह भी मीठा कराया। बताया जा रहा है उमा भारती उनके लिए चुनाव प्रचार करेंगी।दरअसल, पिछले कई दिनों से साध्वी प्रज्ञा को लेकर उमा भारती के बयान सामने आ रहे थे। वे उन्हें महान संत कहती रहीं जबकि खुद को मूर्ख बताती रहीं।उमा भारती के बयानों को लेकर राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज रही कि शायद वे नाराज चल रही हों लेकिन अब उन्होंने साध्वी प्रज्ञा के घर पहुंचकर मुलाकात की है।सबसे पहले उमा भारती ने यह कहकर चौंका दिया था कि मैं तो साधारण मूर्ख किस्म की प्राणी हूं। साध्वी प्रज्ञा महान संत है। उनकी तुलना मेरे से नहीं की जा सकती है।इससे पहले साध्वी प्रज्ञा पर दिए गए बयान में उन्होंने कहा था कि साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। साध्वी प्रज्ञा मेरे से बहुत बड़ी हैं, वह महामंडलेश्वरी हैं, मेरी तुलना उनसे नहीं की जा सकती मैं किसी काम की नहीं हूं।’बता दें, भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतारा है। साध्वी प्रज्ञा का भोपाल सीट पर कांग्रेस के महासचिव और प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के साथ मुकाबला है।
पिछले दिनों वे अपने बयानों के चलते चर्चा में हैं। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने साध्वी प्रज्ञा को टिकट देने पर बीजेपी की आलोचना की है। उमा ने कहा- मैं उनका (प्रज्ञा) बहुत सम्मान करती हूं। मैंने उन पर हुए अत्याचार देखे हैं। इस मायने में वे पूज्यनीय हैं। मैं उनके लिए प्रचार करूंगी। वहीं, प्रज्ञा ने कहा- साधु-संन्यासी कभी एक-दूसरे से नाराज नहीं होते। मैं उनसे मिलने आई हूं और हम दोनों के बीच हमेशा से आत्मीय संबंध रहे हैं। बाकी बातें राजनीतिक प्रपंच के लिए बना ली जाती हैं।दो दिन पहले ही उमा भारती ने साध्वी प्रज्ञा को महान संत बताया था। इसके बाद साध्वी ने कहा था कि मैं उमाजी से कहना चाहती हूं कि वे मेरा इतना सम्मान न करें। आप मुझसे बड़ी और सम्मानित हैं।

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