प्रदेश के विकास में प्रभावी वित्तीय प्रबंधन महत्वपूर्णः मुख्यमंत्री

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देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सुद्धोवाला में उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। इस मौके पर विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर व सचिव अमित सिंह नेगी भी उपस्थित थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के नवनिर्मित भवन का नामकरण पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने वित्त सेवा के अधिकारियों के पंचम बैच के प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारम्भ किया।

वित्त सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के विधिवत प्रारम्भ होने से वित्त सेवा के अधिकारियों  व कार्मिकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिक सुचारू रूप से संचालित होगा। संस्थान में वित्त सेवा के प्रशिक्षु व वित्तीय प्रबन्धन से जुड़े लोगों के लिए अच्छी सुविधाएं व प्रशिक्षण कार्यक्रम है। वित्तीय प्रबन्धन की क्षमता को बढ़ाने, कौशल विकास व अपडेटेशन के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कम से कम धनराशि से बड़े लक्ष्य प्राप्त करना वित्तीय प्रबन्धन कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी योग्यता की पृष्ठभूमि वाले प्रशिक्षु अधिकारियों के वित्त सेवा में आने से प्रशासन को वित्तीय प्रबन्धन व तकनीकी प्रबन्धन का एक साथ लाभ होगा।

इस दौरान वित्त मंत्री प्रकाश पन्त ने कहा कि वित्तीय प्रबन्धन में ज्ञान, अनुभव  एवं प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका है। और जल्द ही राजकीय कार्मिकों के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ किए जाएगे। संस्थान में एक पुस्कालय भी स्थापित किया जाएगा। उत्तराखण्ड देश में पहला राज्य है जहां 1947 से वर्तमान तक के सभी वित्तीय एक्ट एक ही स्थान पर उपलब्ध है, जिन्हे शीघ्र ही डिजिटल किया जाएगा।

 

गौरतलब है कि राजकीय विभागों को वित्तीय प्रबन्धन पर प्रशिक्षण प्रदान करना, मध्य एवं उच्च स्तर के अधिकारियों हेतु रिफ्रेशर कोर्स तैयार करना, विभिन्न विभागों के साथ वित्तीय प्रबंधन के विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श, विभागों को वित्तीय प्रबंधन हेतु प्रोफेशनल सहायता प्रदान करना, वित्तीय प्रबंधन पर शोध कार्य हेतु प्रशिक्षण देना, शोध पत्र प्रकाशित करवाने में सहायता करना, सरकार एवं पब्लिक सेक्टर यूनिट के अधिकारियों को वित्तीय नियम एवं प्रक्रिया की जानकारी देना प. दीनदयाल उपाध्याय उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के मुख्य कार्य होंगे। इसके अलावा संस्थान सरकार के लिए वित्तीय प्रबन्धन में  थिंक टैंक का कार्य भी करेगा। पं. दीनदयाल उपाध्याय उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान में राज्य के कोषागार में सहायक लेखाकार, ऑडिट विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी व तकनीकी प्रशिक्षण, वित्त सेवा के अधिकारियों के लिए 6 माह का व्यावसायिक प्रशिक्षण, विभिन्न स्तर के अधिकारियों जैसे डी.डी.ओ., एच.ओ.डी., वित्त नियंत्रक, सचिवालय के विभिन्न स्तर के अधिकारियो के लिए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है। अन्य विभाग भी भुगतान आधार पर अपने कर्मचारियों को ट्रेनिंग हेतु इस संस्थान का उपयोग कर सकता है।

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