एनआइवीएच मामले में पूर्व में दिए निर्देशों पर कार्य करने को लेकर सरकार ने कोर्ट को कराया अवगत

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नैनीताल: हार्इकोर्ट ने एनआइवीएच यौन शोषण मामले का स्वतः संज्ञान लिया था। कोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया था कि कोर्ट के पूर्व में पारित आदेश के क्रम में उन्होंने अधिकांश निर्देशों का पालन कर लिया गया है। सरकार ने कहा कि डायरेक्टर को हटा दिया गया है उनकी जगह चेन्नई से नचिकेता को नियुक्त कर दिया गया है, अभी वे अवकाश पर है तब तक कार्यभार डॉक्टर माथुर सभाल रहे हैं, संगीत टीचर सूचित नारंग को सस्पेंड कर उनके खिलाफ 29 अगस्त को एफआईआर दर्ज कर ली गयी है, छात्र-छात्राओ की देखरेख के लिए जिला अधिकारी द्वारा एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर लिया गया है, जो रोज संस्थान के कार्यविधियों की जानकारी देगा, एमबीबीएस महिला डॉक्टर की नियुक्ति कर दी गयी है, पावर कारपोरेशन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि, उन्होंने फिलहाल दो माह के लिए किराए पर जनरेटर लिया है, एक महिला एसआई और छः कांस्टेबल नियुक्त कर दिए हैं। बच्चों के लिए प्ले ग्राउंड के बारे में अवगत कराया गया कि अभी 3 प्ले ग्राउंड उपलब्ध है लेकिन वे खेलने लायक नही है, उसके लिए तीन माह का समय माँगा है। उन्होंने बताया कि संस्थान में 64 सीसीटीवी कैमरे लगे है लेकिन क्लास रूम में नही लगे है। सरकार की तरफ से यह भी अवगत कराया गया कि, संस्थान में छात्र छात्राओ की डायटेशन की व्यव्स्था उपलब्ध नही है।
मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने डी सैंथिल पांडियन को निर्देश दिए है कि, वह इसकी रिपोर्ट एक सप्ताह में पेश करें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तिथि नियत की है। बता दें कि पूर्व में उच्च न्यायलय ने समाचार पत्रो में छपी खबर का सज्ञान लेते हुए गम्भीर रुख अख्तियार किया था। खंडपीठ ने  इन द मैटर ऑफ सेक्सुअल हैरेसमेंट एंड मोलेस्टेसन ऑफ स्टूडेंट इन द नेशनल इंस्टीटूट ऑफ विजुअल हैंडीकैप्ड देहरादून के रूप में जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवार्इ करते हुए कोर्ट ने सचिव सेंथिल पांडियन को इस जांच अधिकारी नियुक्त किया था और कहा था कि तीन दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने एसएसपी देहरादून को आदेश दिया था कि वो एनआइवीएच में रेगुलर विजिट के लिए एक महिला एसआइ के साथ दो कॉन्स्टेबलों की नियुक्ति करें। बिजली स्पलाई बाधित ना हो इसके लिये कोर्ट ने कहा है कि 48 घंटों के भीतर जनरेटर की व्यवस्था की जाए। खंडपीठ ने सचिव संस्कृति को आदेश दिया है कि एनआइवीएच में खेल मैदान बनाया जाए। साथ ही बच्चों को खेल और सास्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग कराया जाए। कोर्ट ने कहा कि ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी भी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि  इस संस्थान में सात दिन के भीतर नियमित निदेशक की नियुक्त की जाए। इस प्रकरण में कोर्ट ने ललित बेलवाल व अमर शुक्ला को न्यायमित्र नियुक्त किया था।
पूर्व ने सरकार को ये दिए थे निर्देश
हाईकोर्ट ने सरकार को आदेशित किया है कि 7 दिन के भीतर वहां स्थायी रूप से डायरेक्टर की नियुक्ति करें, संगीत के टीचर को तत्काल सस्पेंड करें और उसके खिलाफ सेक्सुअल हरैसमेंट का केस दर्ज करें,  जिला अधिकारी देहरादून को निर्देश दिए है कि छात्र छात्राओं की जाँच करने के लिए 12 घण्टे के भीतर एक एमबीबीएस डॉक्टर की नियुक्ति करें,  एमडी पावर कारपोरेशन को निर्देश दिए है कि वह तुरन्त बजली व्यव्स्था को दुरस्त करे और एक जनरेटर लगाये, एसएसपी देहरादून को निर्देश दिए है कि वह दो लेडी एसआई और दो कोंस्टेबलो को भेजकर वहा नियमित  जाँच करे, सचिव सास्कृतिक को निर्देश दिए है कि वहां दो महिला सदस्यों की नियुक्ति करे जो इन बच्चों को सांस्कृतिक गतिविधियां सिखाये और ऐसे कार्यक्रमों में प्रतिभाग कराएं, कोर्ट ने डी सेंथिल पांडियन को जाँच अधिकरी नियुक्त किया गया, कोर्ट ने इनके मनोरंजन के लिए सरकार को निर्देश दिए कि एक माह के भीतर इनके लिए खेल मैदान स्वीकृत करे। जाँच अधिकारी को 3 दिन के भीतर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे।

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