यूकेडी व अन्य संगठनों ने NIT विद्यार्थियों को जयपुर शिफ्ट करने का किया विरोध

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देहरादून: यूकेडी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, सरकार की दिशाहीन नीतियों के चलते श्रीनगर स्थित NIT के विद्यार्थियों को जयपुर शिफ्ट किया गया। इस पर उतराखंड नव निर्माण सेना, उम्मीद सामाजिक संगठन एवं राठ महासभा तथा अन्य सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रकट करते हुए डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इसके आलावा प्रधानमंत्री एवं राज्यपाल को जिलाधिकारी के मध्यम से मांगपत्र पत्र भेजा।

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि, देश में टेक्निकल एजुकेशन में गुणवत्ता या फिर देश विदेश में नौकरी के क्षेत्र में IIT के बाद स्थान कोई स्थान रखता है तो वो NIT है। देश हो विदेश नौकरी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं प्रस्तुत  करते है। राज्य निर्माण के बाद जब उत्तराखंड में 2010 में इसकी स्थापना हुई तो हर प्रदेशवासी के मन में शिक्षा के क्षेत्र में विकास की उम्मीद जागी। हर आम जन को लगा पर्वतीय राज्य देवभूमि की अब बदलाव होगा, किन्तु आज 9 वर्षों के बाद भी विद्यार्थिओं के लिए स्थाई कैंपस का निर्माण ना कर पाना सरकार की निरंकुश भावना को प्रदर्शित करता है।

इस समस्त घटना क्रम में सबसे दुर्भग्यपूर्ण पहलु आज संपूर्ण प्रदेश के सामने है। जब NIT श्रीनगर के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के विद्यार्थिओं को जयपुर स्थित  संस्थान में शिफ्ट किया जा रहा है तथा अंतिम वर्ष के विद्यार्थिओं के शिक्षण सत्र को श्रीनगर में ही संचालित किया जा रहा है। अंतिम वर्ष के विधार्थी भी अगले  वर्ष कॉलेज से निकल जायेंगें तथा ना चाहते हुए भी कॉलेज विद्यार्थि हीन हो जायेगा। जिस प्रकार राज्य सरकार के मुख्यमंत्री हो या फिर उच्च शिक्षा मंत्रीं किसी का भी संवाद ना तो स्पष्ट है और ना ही विश्वसनीय।

इसके आलावा उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार प्रदेश में बदहाल प्राथमिक एवं माध्यमिक या फिर उच्च शिक्षा को पटरी पर लाने में अब तक असमर्थ है। उस सरकार से ये उम्मीद करना कि, 2 वर्षों में भवन निर्माण का कार्य  पूरा करेंगें, ये किसी अतिश्योक्ति से कम नहीं।

इस पत्र के माध्यम से महामहिम राज्यपाल एवं प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की गई एवं ये भी आग्रह किया गया कि, यदि निर्माण के लिए समय ही चाहिए तो बेहतर है कि, विद्यार्थियों की कक्षाओं का संचालन प्रदेश के किसी अन्य शिक्षण संस्थान में हो तथा संस्थान प्रदेश में ही संचालित हो। इससे प्रदेश के हर आमजन  की भावनाएं का सम्मान भी रहेगा तथा तंत्र पर प्रदेश के युवाओं एवं आमजन का विश्वास स्थापित होगा।

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