नए जिलों के गठन को लेकर भाजपा-कांग्रेस आमने सामने

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अल्मोड़ा: प्रदेश में नए जिले बनाने की सुगबुगाहट होते ही लोगों के जहन में यह बात उठने लगी है कि, जिलों का गठन किया जाएगा या नहीं। 2011 में रानीखेत जिले की घोषणा के बावजूद यह जिला मूर्त रूप नहीं ले सका। पाली पछाऊं उपमंडल के विकास की अवधारणा को लेकर आजादी के बाद से ही रानीखेत जिले की मांग होती आई है। लेकिन तमाम जनसंघर्षों के बावजूद यह मांग पूरी नहीं हुई। जबकि जिला मुख्यालय बनाने के लिए यहां ब्रिटिशकालीन भवन के पास ही काफी संख्या में भूमि उपलब्ध है।

आजादी के बाद से ही अल्मोड़ा जिले को बांटकर अलग रानीखेत जिला बनाने की मांग उठी। रानीखेत जिले के लिए आंदोलनों का क्रम 1960 के दशक से शुरू हुआ। और 1985 में बड़े आंदोलनों की शुरुआत हुई। 1987 में उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष वैंकट रमानी की समिति ने जिले की संस्तुति की और 1989 में आठवें वित्त आयोग ने वित्तीय मंजूरी प्रदान की। इसके बाद 1993-94 में भी आंदोलन किया गया। यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पहल पर रानीखेत में सीओए एडीएम की नियुक्ति की गई। बाद में एडीएम को हटा दिया गया। इसके बाद साल 2004 औऱ 2005 में फिर से लोग आंदोलनरत रहे। 2010 में अधिवक्ताओं के नेतृत्व में फिर से बड़ा जन आंदोलन हुआ। आठ महीने तक चले इस आंदोलन के बाद 2011 में तत्कालीन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने रानीखेत जिले की घोषणा तो की, लेकिन गजट नोटिफिकेशन नहीं होने से लोगों की उम्मीदें धरी की धरी रह गईं। 2012 में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार अस्तित्व में आई लेकिन सरकार ने समिति बैठाकर जिले के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। जिसको लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को रानीखेत बनाने को लेकर 403 पत्र भेजे। और तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर बीगुल फूंगा। और  आज भाजपा के सत्ता में आने के बाद एक बार फिर से रानीखेत को जिला उठाने की मांग उठने लगी है। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कहा ने कहा कि रानीखेत जिला बनाने की मांग पिछले काफी लम्बे समय से की जा रही है लेकिन आज नहीं तो कल रानीखेत जिला बनेगा ही बनेगा। उन्होंने कहा कि पांच साल तक कांग्रेस सरकार को लगातार पत्र लिखे गए लेकिन कांग्रेस सरकार ने एक भी पॉजिटीव कदम नहीं उठाया। वहीं रानीखेत विधायक करन मेहरा ने रानीखेत को जिला बनाने की मांग करते हुए कहा कि ये मांग बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2011 में रानीखेत को जिला बनाने की घोषणा भी की, जिसका बाद जीओ भी जारी कर दिया गया। और अब भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि कांग्रेस ने जिला नहीं बनने दिया। भाजपा पर पलटवार करते हुए करन मेहरा ने कहा कि आज प्रदेश में पूर्ण बहुमद की सरकार है, तो अजय भट्ट जिला बनाने की बात क्यों नहीं करते। वहीं मुख्यमंत्री ने नए जिलों को लेकर साफ कर दिया कि नए जिले नहीं बनाए जाएंगे। सीएम ने कहा कि नए जिलों के बनाने में पैसा खर्च करने से अच्छा है कि विकास कार्यों में पैसा खर्च किया जाए। जिससे प्रदेश का विकास हो सके।

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