नौकरियों की भरमार, फिर क्यों नहीं दे रही सरकार

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नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बयान आया कि देश में नौकरियां कम हो रही हैं। उनकी यह बात पूरी तरह गलत है। हां, उनकी एक बात सही है कि सरकारी नौकरियां बंद हैं। दरअसल, देशभर में 24 लाख से ज्यादा पद विभिन्न विभागों में खाली चल रहे हैं। कई विभाग ऐसे हैं, जहां कर्मचारियों के 10-10 पद सृजित हैं, लेकिन वहां एक या दो ही कर्मचारी तैनात हैं। कई विभागों में कर्मचारी ही नहीं हैं। युवा बेरोजगार रोजगार के लिए भटक रहे हैं, फिर सरकार क्यों रोजगार नहीं देना चाहती। उत्तराखंड में भी नौकरियों को बुरा होल है।

दरअसल, संसद में बहस के दौरान सरकार के अलग-अलग सांसदों ने ही अपने विभागों में खाली पदों की जानकारी पूछे गए सवालों के जवाब में दी थी। उन्हीं से आंकड़े निकलकर आए हैं। फरवरी में राज्यसभा में दिए गए एक सवाल के जवाब से पता चला कि देश में सबसे ज्यादा खाली पद प्राथमिक शिक्षकों (9 लाख) और माध्यमिक शिक्षकों (1.1 लाख) के हैं। उत्तराखंड में हाल बुरे हैं।

देशभर की पुलिस फोर्स में 5.4 लाख पोस्ट खाली हैं। ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट के आंकड़ों के आधार पर लोकसभा में जवाबा दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि सिविल और डिस्ट्रिक्ट आर्म्ड पुलिस में 4.4 लाख पद खाली हैं। इसी के मुताबिक स्टेट आर्म्ड पुलिस में 90,000 अतिरिक्त पद रिक्त हैं। सभी पद राज्य सरकारों के अधीन हैं। डिफेंस सर्विसेज और पैरामिलिटरी फोर्सेज में 1.2 लाख से अधिक पद खाली हैं। इनमें से 61 हजार पद पैरामिलिटरी फोर्सेज में और 62 हजार पद तीनों सैन्य बलों में खाली हैं।

इसके अलावा रेलवे़ में नॉन गजेटेड स्टाफ के 2.5 लाख पद खाली चल रहे हैं। राज्यसभा में 16 मार्च को दिए गए एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी गई है। हालांकि इसके बाद इनमें से 89,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। आवेदन करने वाले युवाओ को परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रवेश पत्र भी जारी किए जाने लगे हैं।

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