राज्य आन्दोलनकारी क्षैतिज आरक्षण मामले को लेकर मोर्चा ने किया तहसील घेराव

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विकासनगर: जनसंघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने तहसील में ‘‘राज्य आन्दोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण मामले में मन्त्रीमण्डल द्वारा पारित विधेयक 2015 को राजभवन से स्वीकृति प्रदान कराने को लेकर‘‘ मोर्चा अध्यक्ष एवं जी00एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में तहसील का घेराव कर महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी विकासनगर जितेन्द्र कुमार को सौंपा।
वहीं बताते हुए नेगी ने कहा कि प्रदेश के राज्य आन्दोलनकारियों को सरकार द्वारा शासनादेश दिनांक 11.08.2004 एवं 2010 के द्वारा क्षैतिज आरक्षण प्रदान किया गया था, जिसके खिलाफ एक जनहित याचिका सं0 67/2011 के क्रम में मा0 उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा दिनांक 26.08.2013 को आरक्षण पर स्थगन कर दिया था तथा एक अन्य जन याचिका सं0 71/2014 में दिनांक 01.04.2014 के द्वारा आरक्षण पर रोक लगा दी गयी थी।
 न्यायालय के उक्त आदेशों के खिलाफ विधानसभा (मन्त्रीमण्डल) द्वारा  उत्तराखण्ड राज्य के चिन्हित आन्दोलनकारियों एवं उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक 2015 विधेयक पास कर राजभवन को स्वीकृति हेतु भेजा था। राजभवन द्वारा पत्रावली वापस न किये जाने से परेशान तत्कालीन सरकार के न्याय एवं विधि विभाग ने दिनांक 16.06.2016 को राजभवन को फिर पत्र भेजा, लेकिन राजभवन द्वारा फिर भी पत्रावली वापिस नहीं की गयी, यानि पत्रावली लगभग 3 वर्षों से आज भी राजभवन में लम्बित पड़ी है।
वहीं नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा राजभवन से काफी अनुरोध के उपरान्त भी उक्त विधेयक को स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी। उक्त विधेयक को राजभवन से स्वीकृति न मिलने के कारण आन्दोलनकारियों में बहुत बड़ी निराशा है।
मोर्चा ने महामहिम राज्यपाल से मांग की कि मन्त्रीमण्डल द्वारा पारित उक्त विधेयक को आन्दोलनकारियों के सम्मान में शीघ्र स्वीकृति प्रदान करें।

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