केदारनाथ हेली सेवा: धर्म की आड़ में ठगे जा रहे श्रद्धालु, यूकाडा कर रहा अनदेखी!

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रुद्रप्रयाग: केदारनाथ हेली सेवा में चहेती कंपनियों को फायदा पहुंचाने के चक्कर में उत्तराखंड सिविल एविशन डेवलेपमेंट एथॉरिटी( यूकाडा) एक बार फिर सवालों के घेरे में है। हाल ही में पर्यटन विभाग ने जीएमवीएन के माध्यम से टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग शुरू की है। जिसमे केवल दो कम्पनियों को ही शामिल किया गया। जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। टिकटों की काला बाजारी का खेल धड़ल्ले से खेला जा रहा है। एक दिन में मानक से कई गुना ज्यादा की बुकिंग हो रही है। तो कहीं तय कीमत से ज्यादा रकम ली जा रही है।

बता दें कि यूकाडा ने हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद हेली सेवाओं के टेंडर प्रक्रिया पूरी कर नौ कंपनियों को फाटा, गुप्तकाशी और सेरसी से हेली सेवाएं संचालित करने का काम दिया था। लेकिन सरकार की ओर से निर्धारित किराये पर दो कंपनियों ने हेली सेवा संचालित करने से इनकार कर दिया था, जिससे यूकाडा ने दोबारा टेंडर आमंत्रित किए। इसमें सेरसी हेलीपैड से हेरिटेज और क्रिस्टल एविएशन कंपनी को हेली सेवा का काम मिला है। जिससे अब केदारनाथ के लिए कुल नौ कंपनियों हेली सेवाएं संचालित कर रही है। लेकिन प्रशासन की लापरवाही कहे या फिर चहेती कंपनियों को लाभ पहुंचाने की लालसा, जिसके कारण आम यात्री ठगे जा रहे हैं।

दरअसल पर्यटन विभाग ने जीएमवीएन के माध्यम से टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग शुरू की है। जिसमे केवल हेरिटेज और क्रिस्टल एविएशन कंपनी को ही शामिल किया गया है। इन दोनो कंपनियों को जीएमवीएन एक दिन में 400 से ज्यादा टिकट दे रही है जो कि कम्पनी की क्षमता से ज्यादा है। वहीं इसका लाभ अन्य सात कंपनिया उठा रही हैं। ऑनलाइन बुकिंग न होने से तय कीमत से ज्यादा रुपए में टिकटों की काला बाजारी का काम शासन की नाक के नीचे धड़ल्ले से किया जा रहा है। धर्म के नाम पर श्रद्धालु ठगे जा रहे है।

सवाल यह उठता है कि पर्यटन विभाग ने सिर्फ इन दो कंपनियों को ही अपनी वेबसाइट में शामिल किया। बाकी सात कंपनी को जगह क्यों नहीं दी गई?  क्या  उत्तराखंड सिविल एविशन डेवलेपमेंट एथॉरिटी( यूकाडा) खुद काला बाजारी को बड़ावा दे रहा है?

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