इसराइली प्रतिनिधिमण्डल ने उत्तराखण्ड में ‘काई पौधे व भांग के पौधे’ लगाने की जताई इच्छा

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देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के समक्ष बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में इसराइली व्यापारिक प्रतिनिधिमण्डल ने उत्तराखण्ड में एलगी फार्म (शैवाल या काई पौधे) और कैनबिस फार्म (भांग के पौधे) लगाने का प्रस्ताव रखा। इसराइली व्यापारिक कम्पनी प्योरमैजिक लिमिटेड ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र को जानकारी दी कि कम्पनी एलगी (शैवाल या काई) की एक प्रजाति होमोटोअकोकस प्लूविलिस जिसका उपयोग एसटेक्सउथीन बनाने मे किया जाता है जिसे कॉस्मेटिक्स और विभिन्न न्यूट्रिशनल सप्लीमेन्ट में प्रयोग किया जाता है, का उत्पादन इसराइली तकनीकी के प्रयोग से उत्तराखण्ड में करना चाहती है।

इसके साथ ही उक्त इसराइली कम्पनी मेडिसनल जीएमपी कैनबिस (औषधीय भांग के पौधे) की खेती व प्रोसेसिंग भी उत्तराखण्ड में करना चाहती है, जिसकी भारत और विश्व बाजार में औषधीय प्रयोगों के लिए बहुत अधिक मांग है। प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि प्योरमैजिक लिमिटेड कम्पनी उत्तराखण्ड में मेडिसनल जीएमपी कैनबिस (औषधीय भांग के पौधे) की खेती व प्रोसेसिंग के लिए इण्डियन इण्डसट्रियल हैम्प ऐसोसिएशन के साथ भागीदारी के संभावनाओं पर विचार कर रही है। इण्डियन इण्डस्ट्रियल हैम्प ऐसोसिएशन (आईआईएचए) जो उत्तराखण्ड में भांग के खेती के लिए एकमात्र लाइसेंसी है। इस सम्बन्ध में इजराइली प्रतिनिधिमण्डल द्वारा बुधवार को पौड़ी गढ़वाल में इण्डियन इण्डसट्रियल हैम्प ऐसोसिएशन (आईआईएचए) के कैनबिस फार्म का निरीक्षण किया जाएगा। उक्त परियोजनाओं के क्रियान्वयन से राज्य में कृषि, ट्रांसपोर्टेशन, पैकेजिंग, विपणन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अधिकाधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इसराइली व्यापारिक प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड में अधिकाधिक स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने, पलायन रोकने व स्थानीय संसाधनों के आधार पर स्थानीय आर्थिकी का महबूत करने पर गम्भीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से उक्त प्रस्तावों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु हर संभव सहायता व सहयोग का आश्वासन दिया।

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