करोड़ों की लागत से बना ‘आइस स्केटिंग रिंक’ की बदहाली का जिम्मेदार कौन? सचिन उपाध्याय ने सीएम से की जांच की मांग

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देहरादून: आइस स्केटिंग रिंक में करोड़ों के भ्रष्टाचार को लेकर सचिन उपाध्याय ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है। पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के भाई और जय उत्तराखंड के अध्यक्ष सचिन उपाध्याय ने मामले में जांच की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल पर यह शिकायत दर्ज कराई है।

दरअसल, देहरादून के रायपुर स्थित राजकीय महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज की आइस स्केटिंग रिंक रख-रखाव के अभाव में बदहाल हालत में है। प्रदेश में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित यह आइस स्केटिंग रिंक अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पा रही है। स्केटिंग रिंक के निर्माण से जुड़ी एजेंसी ‘पाइन एंड पिक’ से अब तक इस रिंग का हस्तांतरण प्रदेश के खेल विभाग को नहीं किया जा सका है। नतीजा यह रिंग लावारिस हालत में पड़ा है। इसके रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

रिंग का अभी तक हस्तांतरण ना हो पाने से खेल विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। ‘विंटर गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ भी पूर्व में इस स्केटिंग रिंग की बदहाली पर सवाल उठा चुके हैं।

जय उत्तराखंड के अध्यक्ष सचिन उपाध्याय ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। देहरादून में स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में करीब 85 करोड रुपए की लागत से इस आइस स्केटिंग रिंक का निर्माण किया गया था। 2 साल में बनकर तैयार हुए इस आइस स्केटिंग रिंक में वर्ष 2010 में ‘सैफ विंटर गेम्स’ का आयोजन भी किया गया था। इसके बाद भी इस लिंक में अन्य आयोजन किए गए लेकिन, हैरत की बात यह है कि स्केटिंग रिंक के निर्माण से जुड़ी एजेंसी फाइनेंस से अभी तक इस रिंग का हस्तांतरण खेल विभाग को नहीं किया जा सका है। रख-रखाव के अभाव में यह स्केटिंग रिंक बदहाल होता जा रहा है।

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